आईए जानें आषाढ़ अमावस्या के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त व इस दिन का महत्व-

आईए जानें आषाढ़ अमावस्या के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त व इस दिन का महत्व-

आषाढ़ महीने में आषाढ़ अमावस्या आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर शुक्ल पक्ष के अंत में पूर्णिमा आती है और हर कृष्ण पक्ष के अंत में अमावस्या आती है। हिंदू कैलेंडर में एक साल में कुल बारह दिन की अमावस्या होती है और आज हम आपको हिंदू कैलेंडर के चौथे महीने आषाढ़ अमावस्या के बारे में बताने जा रहे हैं। जानें कब है आषाढ़ अमावस्या व शुभ मुहूर्त-

आषाढ़ अमावस्या 2023 तिथि व शुभ मुहूर्त-

इस साल आषाढ़ अमावस्या 18 जून 2023, रविवार को है। अमावस्या तिथि 17 जून को सुबह 09 बजकर 11 मिनट से प्रारंभ होगी जो कि 18 जून सुबह 10 बजकर 06 मिनट पर समाप्त होगी।

आषाढ़ अमावस्या महत्व- 

अमावस्या का दिन महीने में एक बार आता है जब चंद्रमा आकाश में कहीं दिखाई नहीं देता है। हिंदू धर्म के अनुसार यह दिन कई कारणों से बहुत ही शुभ है। हालांकि हर अमावस्या का अलग उद्देश्य होता है, ऐसा माना जाता है कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या अत्यधिक शुभ होती है क्योंकि यह भगवान शिव को बहुत प्रिय होती है। हालांकि हर अमावस्या अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने और उनके लिए तर्पण करने के लिए महत्वपूर्ण होती है।

ऐसा माना जाता है कि इस दिन हमारे पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं और अमावस्या का अनुष्ठान करके हम उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने और फिर जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र आदि जैसी आवश्यक वस्तुएं दान करने के लिए भी यह एक बहुत ही शुभ दिन है।

मिलता है पितृ दोष से छुटकारा-

पितृ दोष से छुटकारा पाने और भगवान और अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अमावस्या तिथि के दिन कुछ नियमों का पालन किया जाता है। जानें आषाढ़ अमावस्या के दिन क्या करें-
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें
2. सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
3. सुबह पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं।
4. अपने पूर्वजों को तर्पण करें।
5. जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करें।
6. शाम को दीपक जलाएं।

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