सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व है। ज्योतिष कुंडली देखकर व्यक्ति विशेष की भविष्यवाणी करते हैं। साथ ही कुंडली में अशुभ ग्रहों (राहु, केतु, मंगल और शनि) की स्थिति भी ज्ञात करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में राहु कमजोर होने से व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता आ जाती है। सभी शुभ कामों में विघ्न-बाधा आती है। व्यक्ति का मन अशांत रहने लगता है। इसके लिए कुंडली में राहु का मजबूत रहना अनिवार्य है। अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष लगा है, तो प्रकांड पंडित से संपर्क कर निवारण कराएं। आइए, राहु दोष के संकेत या लक्षण और उपाय जानते हैं-
– ज्योतिषियों की मानें तो बार-बार मरी हुई छिपकली दिखना कमजोर राहु को दर्शाता है। जिन लोगों की कुंडली में में राहु की स्थिति कमजोर होती है। ऐसे लोगों को अक्सर सांप भी दिखाई देते हैं। राहु कमजोर रहने से आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है।
ज्योतिषियों का कहना है कि कुंडली में राहु कमजोर रहने पर बाल झड़ने लगते हैं। साथ ही नाखून भी टूटने लगते हैं। राहु के बुरे प्रभाव के चलते व्यक्ति को मानसिक तनाव रहता है।
– ज्योतिष शास्त्र में निहित है कि राहु कमजोर होने पर परिवार में कलह की स्थिति बनी रहती है। परिवार के सदस्यों के मध्य मनमुटाव रहता है।
– राहु कमजोर होने पर व्यक्ति की स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है। व्यक्ति को भूलने की बीमारी लग जाती है। कई मौके पर जातक निर्णय लेने में भी असमर्थ हो जाता है।
राहु दोष दूर करने के उपाय
-सोमवार और शनिवार को जल में गंगाजल, काले तिल और बिल्व पत्र मिलाकर शिवलिंग को अर्घ्य दें। इसके पश्चात 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इस उपाय को करने से राहु दोष दूर होता है।
– रोजाना स्नान-ध्यान करने के बाद ‘ऊँ रां राहवे नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके अलावा, राहु कवच का पाठ करें।
– पक्षियों को दाना डालने और काले कुत्ते को रोटी खिलाने से राहु दोष खत्म हो जाता है।