रायबरेली। अब दृष्टिहीन भी आसानी से न केवल अखबार पढ़ सकेंगे, बल्कि मोबाइल का भी उपयोग करने में उनको बहुत सहूलियत होगी। यही नहीं वह सामने वाले को पहचान भी सकेंगे। यह सब होगा एक विशेष चश्मे से जिसका अविष्कार किया है, रायबरेली के रहने वाले छात्र नैतिक श्रीवास्तव ने। कई राज्यों के विज्ञान प्रदर्शनी के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी उनके इस अविष्कार की मान्यता मिल गई है। अब वह भारत सरकार की इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत इस प्रोजेक्ट स्मार्ट ग्लासेस फॉर ब्लाइंड पीपल का प्रदर्शन करने जापान जा रहे हैं।
रायबरेली जिले के महराजगंज क्षेत्र के हसनपुर गांव निवासी नैतिक श्रीवास्तव का दावा है कि इस चश्मे के जरिए दृष्टिहीन चेहरा पहचान सकेंगे, अखबार और किताबें पढ़ सकेंगे। नैतिक के बनाए प्रोजेक्ट की मदद से दृष्टिविहीन लोगों को रोजमर्रा के काम करने में सहूलियत होगी। जैसे अखबार पढ़ना, परिवार व क़रीब के लोगों को चश्में में लगे सेंसर की मदद से पहचान करना। इसके अलावा यह चश्मा मौसम का पूर्वानुमान भी बताएगा। नैतिक श्रीवास्तव के इस प्रोजेक्ट को पेटेंट कराने की तैयारी चल रही है।
महराजगंज क्षेत्र के न्यूस्टैंडर्ड पब्लिक स्कूल के कक्षा 11 के छात्र नैतिक नेत्रहीनों की मदद के लिए सपोर्टिव विज़न आधारित चश्मे के प्रोजेक्ट पर पिछले कई वर्षों से काम कर रहे हैं। इसके लिए इनके प्रोजेक्ट्स को राष्ट्रीय विज्ञान अनुसंधान से मंजूरी मिलने के बाद बाल वैज्ञानिक नैतिक श्रीवास्तव को दिसम्बर 2022 में कंबोडिया जाने का मौका मिला था। यही नहीं बाल वैज्ञानिक नैतिक के प्रोजेक्ट को राष्ट्रपति भवन में आयोजित इंस्पायर मानक अवार्ड योजना में राष्ट्रीय स्तर पर टाप 60 में चयनित किया गया है।
नेत्रहीनों की सहायता के लिए सपोर्टिव लेंस बनाने वाले न्यूस्टैंडर्ड पब्लिक स्कूल सलेथू के छात्र नैतिक श्रीवास्तव सहित प्रदेश भर से नौ छात्रों को छात्र इंस्पायर्ड अवार्ड योजना के अंतर्गत जापान भेजा जाएगा। जापान में सकूरा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सभी छात्रों को अपने प्रोजेक्ट पर अनुभव साझा करेंगे।
उल्लेखनीय है कि गांव के ही एक दृष्टिहीन रामसेवक की परेशानियों ने नैतिक को इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए प्रेरित किया और आज वह सफ़लता के मुकाम पर हैं। नैतिक का कहना है कि उनके इस प्रोजेक्ट से दृष्टिहीनों के जीवन मे आमूल चूल बदलाव होगा, कॉलेज के शिक्षक राजीव सिंह व माता पिता के सहयोग की बदौलत, वह इस अहम प्रोजेक्ट को पूरा कर पाएं हैं।