अब तीन माह नहीं एक साल सुरक्षित रहेगा गन्ने का शीरा

अब तीन माह नहीं एक साल सुरक्षित रहेगा गन्ने का शीरा

कानपुर। देश की अर्थव्यवस्था में गन्ने से निकलने वाला शीरा महत्वपूर्ण होता जा रहा है। शीरा से इथेनॉल बन रहा है। इथेनॉल का प्रयोग पेट्रोल, शराब, केमिकल इंडस्ट्री, अल्कोहल और दवाइयों में किया जाता है लेकिन इसको सुरक्षित रखने की समय सीमा तीन माह ही है। इसको देखते हुए एनएसआई (नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट) और हैदराबाद की सुजलकेम टेक्नोलॉजीज ने संयुक्त रूप से शोध किया। शोध के मुताबिक अब शीरा तीन माह की जगह एक साल तक सुरक्षित रह सकता है।

देश के एकमात्र शुगर संस्थान एनएसआई के निदेशक प्रो. नरेन्द्र मोहन ने मंगलवार को बताया कि भारत में गन्ना बहुतायत होता है। गन्ना की मिठास से लोगों को चीनी उपलब्ध होती है लेकिन देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए गन्ना से संबंधित चीजों का प्रयोग अन्य उत्पादों में भी किया जाता है। इसके लिए बराबर शोधों के जरिये नई-नई तकनीकों को इजाद किया जा रहा है। इसी को देखते हुए संस्थान ने हैदराबाद की सुजलकेम टेक्नोलॉजीज के साथ गन्ने से बने शीरा पर शोध कार्य शुरू किया। इस शोध से अब शीरा तीन माह की जगह एक साल तक चीनी मिलों में सुरक्षित रहेगा। इसके लिए शीरा में चार तरह के केमिकल्स नैनो बाॅयोसाइड, एंजाइमैटिक नाइट्रोजन सोर्स, डिस्पर्सेँट और ऑक्सीजन को मिलाया जाएगा। समयावधि बढ़ने से शीरा से बने इथेनॉल का अधिक प्रयोग पेट्रोल, शराब, केमिकल इंडस्ट्री, अल्कोहल और दवाइयों में किया जा सकेगा।

अर्थव्यवस्था में होगा सुधार और लाभान्वित होंगी चीनी मिलें

उन्होंने बताया कि इस शोध से चीनी मिलों को भी लाभ पहुंचेगा। अभी तक शीरा तीन माह सुरक्षित रहता था जिससे मार्च में गन्ना पेराई के बाद मिल प्रबंधन जल्द से जल्द बिक्री पर अधिक ध्यान देते हैं। अब एक साल तक सुरक्षित रहने से इथेनॉल में प्रयोग होने वाले शीरा को रोककर बिक्री करेंगे और दाम अधिक मिलेंगे। इथेनॉल का प्रोडक्शन बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होना लाजिमी है। यह इसलिए क्योंकि वर्तमान में पेट्रोल में 12 प्रतिशत इथेनॉल को मिलाया जा रहा है। इस साल केवल पेट्रोल के लिए 500 करोड़ लीटर इथेनॉल देश को चाहिए होगा। इसके बाद हर वर्ष प्रतिशत में बढ़ोतरी होगी। यानी 2024 में 15 और 2025 में 20 प्रतिशत इथेनॉल को पेट्रोल में मिलाया जाना है। ऐसे में 2025 में केवल पेट्रोल के लिए 1350 करोड़ लीटर इथेनॉल चाहिए होगा।

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