अब खिलाड़ियों को आसानी से मिलेगा विभिन्न सुविधाओं का लाभ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने खेल साथी पोर्टल का शुभारंभ किया। खेल मंत्री गिरीश चन्द्र यादव और अपर मुख्य सचिव डॉक्टर नवनीत सहगल ने इसका शुभारंभ किया। खेल मंत्री ने कहा कि पोर्टल को उत्तर प्रदेश मूल के राष्ट्रीय खिलाड़ियों, अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों, पूर्व खिलाड़ियों तथा सामान्य नागरिकों द्वारा विभिन्न सेवाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जा सकेगा। पोर्टल का उद्देश्य उन खिलाड़ियों तथा लाभार्थियों को लाभ पहुंचाना है, जो उत्तर प्रदेश राज्य के मूल निवासी हैं। खेल मंत्री ने कहा कि हमारा विश्वास है कि खेल साथी पोर्टल उत्तर प्रदेश मूल के खिलाड़ियों व नागरिकों के लिए उपयोगी साबित होगा। उन्हें बेहतर रोजगार व खेल क्षेत्र में अवसर प्रदान करने में अनुकूल सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विभाग द्वारा अन्य सेवाओं को भी खेल साथी पोर्टल के माध्यम से उत्तर प्रदेश के नागरिकों के लिए ऑनलाइन किया जाएगा। नवनीत सहगल ने पोर्टल की विशेषताओं पर बात करते हुए कहा कि खेल साथी पोर्टल के माध्यम से लाभार्थी यूपी सरकार से पुरस्कार प्राप्त करने के लिए नामांकन भर सकते है। वित्तीय सहायता एवं मासिक पेंशन प्राप्त करने हेतु उत्तर प्रदेश के पूर्व खिलाड़ियों द्वारा आवेदन किया जा सकता है। राजपत्रित अधिकारी के रूप में सीधी भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश खेल विभाग के अधीन संचालित स्पोर्ट्स कॉलेजों में प्रवेश हेतु आवेदन किया जा सकता है। छात्र छात्रावास आवंटन के लिए आवेदन भी कर सकते हैं।
यह पोर्टल लाभार्थियों को ऑनलाइन पंजीकरण करने, लॉगिन करने एवं उनके अधिवास, खेल, व्यवसाय, शैक्षणिक व अन्य प्रासंगिक विवरण को ऑनलाइन दर्ज करने में सहायक है। आवेदन प्रपत्र दर्ज हो जाने के पश्चात, आवेदन आगे की कार्यवाही हेतु उप्र खेल विभाग के संबंधित अधिकारी के लॉगिन पर अग्रेषित हो जाता है। सक्षम अधिकारी द्वारा अपने लॉगिन के माध्यम से आवेदन के सापेक्ष लिए गए निर्णय से आवेदक के लॉगिन पर तथा एसएमएस व ईमेल के माध्यम से आवेदक को स्वतः सूचित हो जाता है। सहगल ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से इस पोर्टल भी पूर्ण कराया गया है तथा विभिन्न चरणों पर एमएमएस व ईमेल के माध्यम से सत्यापन का प्रावधान भी किया गया है। इसके अतिरिक्त, उपयोगकर्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पोर्टल को हिन्दी व अंग्रेजी भाषा में विकसित किया गया है तथा पोर्टल को त्मेचवदेपअम भी बनाया गया है, जिससे यह किसी भी डिवाइस यथा कम्प्यूटर, लैपटाप, स्मार्ट फोन, टैबलेट व अन्य डिवाइस में आसानी से खुल सके एवं लाभार्थियों द्वारा पोर्टल के उपयोग के समय उत्पन्न होने वाली समस्याओं को शून्य या न्यूनतम किया जा सके।

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