लखनऊ। उत्तर प्रदेशमें अब जनता को आपदा के समय अलग-अलग नंबर डायल करना नहीं पड़ेगा। कोई भी आपदा के लिए अब सिर्फ 112 नंबर डायल करना होगा। 112 नंबर पर ही आपदा पड़ने पर हर संभव मदद मिलेगी। राहत आयुक्त के हेल्पलाइन 1070 को नई व्यवस्था के तहत 112 नंबर से जोड़ा जाएंगा। यूपी के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र की अध्यक्षता में कल राज्य आपदा मोचक निधि की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इसके साथ ही बैठक में 2273 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। बता दें कि, इस प्रस्ताव के तहत मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के दूसरे चरण में सभी जिलों के 3750 स्कूलों में शिक्षकों व छात्र छात्राओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिस पर करीब 7.50 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वहीं, समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन परीक्षण योजना के दूसरे चरण में 56 जिलों के 28 गांवों में पंचायत कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही साथ उत्तर प्रदेश वन जीव वज्रपात से बचाव की व्यवस्था भी की जाएगी, जिसके तहत 349 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे। इसमें दुधवा टाइगर रिजर्व कतरनिया टाइगर रिजर्व ने हिंसक वन्यजीवों से बचाव के उपाय किए जाएंगे साथ ही साथ 1 जिलों में हो रही संघर्ष की घटनाओं को देखते हुए इसे रोकने के लिए तीनों स्थानों पर फैंसी का काम भी कराया जाएगा। इसके साथ ही प्रयागराज ललितपुर और मिर्जापुर में लाइट नहीं अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाया जाएगा, यह तीनों जिले इसके लिए अधिक संवेदनशील है। साथ ही अयोध्या की सरयू नदी में डूबने से बचाव के उपाय भी किए जाएंगे जन हानियों को रोकने के लिए ड्राइविंग रेस रिडक्शन प्लान तैयार किया गया है। इस बैठक में यह भी तय किया गया कि, किसानों को हर पल मौसम की सटीक जानकारी मुहैया कराई जाए। यूपी के 351 तहसीलों 75 जिला मुख्यालयों और अट्ठारह मंडल मुख्यालय पर लिस्ट साइनस लगाए जाएंगे। वहीं, राज्य सरकार ने अग्निकांड को भी राहत में शामिल कर लिया है, इसके लिए फायर विभाग को अग्निकांड से बचाव के लिए सामग्री खरीदने के लिए भी पर्याप्त धन मुहैया कराया जाएगा।