अफगानिस्तान में साल 2023 का पहला पोलियो वायरस का मामला सामने आया है। अफगानिस्तान के स्वास्थ्य अधिकारियों को नांगरहार प्रांत में इसका पता लगा है। स्थानीय मीडिया के जरिए इस बात की जानकारी दी गई है।
चार साल की बच्ची हुई संक्रमित
तालिबान शासन के तहत देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 2023 के बाद से अफगानिस्तान में पोलियो की पहली घटना का पता चला है। रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में एक चार साल की बच्ची में पोलियो वायरस की बीमारी पाई गई है और यह पोलियो वायरस मामला दुनिया का दूसरा मामला है।
मामलों में आ रही गिरावट
अफगानिस्तान में साल 2020 में पोलियो के कुल 56 मामले सामने आए थे, जबकि 2021 में चार मामले दर्ज किए गए थे। वहीं, पिछले साल पोलियो के दो मामले सामने आए थे। हालांकि, देश में पोलियो के मामलों की संख्या में गिरावट आ रही है, लेकिन तब भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है।
गंभीर संक्रामक बीमारी है पोलियो
पोलियो एक गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो व्यक्ति को अक्षम भी कर देती है। आमतौर पर यह बीमारी दूषित पानी या भोजन का सेवन करने से फैलती है। खामा प्रेस के अनुसार, संक्रामक वायरस पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमावर्ती क्षेत्र में पनपा है। यहां पर आतंकवादियों ने पोलियो विरोधी टीमों पर हमला कर दिया था, जिसके कारण वे चोटिल हो गए थे।
तालिबानी शासन के बाद विदेशों में भागने को मजबूर हुए लोग
रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान में काफी गरीबी और बेरोजगारी हो गई है। इस कारण वहां के स्थानीय लोगों को जीवित रहने के लिए विदेशों में भागना पड़ रहा है, ताकि वे नौकरी कर के अपनी और अपने परिवार की जिंदगी बचा सकें। देश के नागरिकों ने कहा कि वे अपने परिवारों का पेट पालने के लिए विदेशों में नौकरी खोजने के लिए पलायन करने के लिए मजबूर हैं।
देश में कई गुना बढ़ गई मानवीय संकट
अगस्त, 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद से देश में मानवीय संकट कई गुना बढ़ गया है। तालिबानी शासन के तहत लोगों को कई सख्त नियमों का पालन करना पड़ रहा है, जिसके कारण वे बुरी हालत में रहने के लिए मजबूर हैं। हेरात के एक निवासी अब्दुल खालिक ने देश की खराब स्थिति और इसकी आर्थिक मंदी पर दुख जताते हुए कहा, “हम कमजोर हैं और कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं, हमें बाहर जाने की जरूरत है।”