अखिल भारतीय ब्रह्म समाज द्वारा बटुकों का उपनयन संस्कार हुआ

अखिल भारतीय ब्रह्म समाज द्वारा बटुकों का उपनयन संस्कार हुआ

लखनऊ। अखिल भारतीय ब्रह्म समाज द्वारा बटुकों का उपनयन संस्कार कराया गया। भारत अनेक संस्कृतियों का देश है यहां अनेक संस्कृत में विद्यमान हैं। इन्हीं में हिंदू धर्म का अपना अलग ही महत्व है। हिंदू धर्म में अनेक संस्कार की जाते हैं जिनमें एक उपनयन यगोपवित संस्कार प्रमुख है। अखिल भारतीय ब्रह्म समाज है जो अपनी अलग कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध है। यह संस्था वर्ष पर अनेक सामाजिक कार्य कर्मों का आयोजन करता रहता है। जैसे होली मिलन समारोह मेधावी बच्चों का सम्मान हरियाली तीज यगोपवित संस्कार इस वर्ष यज्ञोपवीत संस्कार को लखनऊ स्थित गोमती तट पर झूलेलाल वाटिका में आदि शंकराचार्य आश्रम में आयोजित किया गया इस कार्यक्रम में बटुकों का उपनयन संस्कार विधिवत हिंदू रीति रिवाज से संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम की भव्यता पूरे शहर में चर्चा का विषय रहा सभी लोगों ने कार्यक्रम की फूलपुर प्रशंसा की सभी बटुक अपने परिवार के साथ संस्कार में सलीम रहे।साथ ही संस्था के अध्यक्ष सीपी अवस्थी ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम हम लोग लोगों के सहयोग से आयोजित करते हैं। हमारा मूल उद्देश्य अपने हिंदू धर्म में संस्कृत को बढ़ावा देना है। वर्तमान में हमारे भाई अपने सांस्कृतिक मूल्यों से इधर हो रहे हैं। इसी को संजीव ने की जरूरत हम सभी को है एक प्रश्न के उत्तर में संगठन के महामंत्री देवेंद्र शुक्ला ने अपनी बात जोरदार ढंग से प्रस्तुत करते हुए कहा कि हमारी संस्था को इतने बड़े आयोजन करने के लिए संगठन के सभी सदस्य पदाधिकारी तथा शासन प्रशासन का भरपूर सहयोग प्राप्त होता है। कार्यक्रम में कई लोग उपस्थित रहे जिनमें राज्यसभा सांसद अशोक बाजपेई पूर्व मेयर संयुक्ता भाटिया, इस्कॉन मंदिर से श्री श्री अपरिमेय श्याम दास जी, पूर्व विधायक सुरेश चंद तिवारी, लखनऊ की नवनिर्वाचित महापौर सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य गुड्डू त्रिपाठी लोग उपस्थित रहे। राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अर्जुन द्विवेदी ने उपनयन संस्कार संबंधित कार्यक्रम के बारे में संवाददाता को जानकारी देते हुए बताया इस संगठन द्वारा पूरे वर्ष इसी तरह से सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहते हैं। संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री देवेंद्र शुक्ला ने एक सफल कार्यक्रम के लिए संगठन के सभी पदाधिकारियों व सदस्यों, प्रशासन तथा आम जनमानस को धन्यवाद दिया।

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