ईयर एंडर 2024: म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की एयूएम पिछले एक दशक में 500 प्रतिशत से अधिक बढ़ी

ईयर एंडर 2024: म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की एयूएम पिछले एक दशक में 500 प्रतिशत से अधिक बढ़ी

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में बीते एक दशक में मजबूत वृद्धि देखी गई है। यह नवंबर 2014 के 10.9 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले नवंबर 2024 में 524 प्रतिशत बढ़कर 68.08 लाख करोड़ रुपये हो गई है।

इस अवधि के दौरान देश में ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों की एसआईपी खातों में हिस्सेदारी बढ़कर 50 प्रतिशत हो गई है और बी-30 शहरों में एयूएम वृद्धि शीर्ष-30 शहरों से आगे निकल गई।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल सभी एमएफ योजनाओं के एयूएम में 17 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है।

पिछले चार वर्षों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एयूएम में 37 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है।

2023 में एयूएम में 11 लाख करोड़ रुपये, 2022 में 2.65 लाख करोड़ रुपये और 2021 में करीब 7 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई थी।

इसके अलावा, नवंबर 2024 के अंत में फोलियो की संख्या 22.02 करोड़ थी।

पिछले 10 वर्षों में डीमैट खातों की संख्या में भी उछाल आया है। अगस्त 2024 तक 17.10 करोड़ से अधिक डीमैट खाते खोले जा चुके थे। वित्त वर्ष 2014 में यह 2.3 करोड़ था। इस अवधि के दौरान डीमैट खातों की संख्या में 650 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।

2021 से औसतन हर साल 3 करोड़ नए डीमैट खाते खोले गए हैं।

एसबीआई रिसर्च के अनुसार, “भारत में 2021 से हर साल कम से कम 3 करोड़ नए डीमैट खाते खोले जा रहे हैं और लगभग हर चार में से एक अब महिला निवेशक है, जो बचत के वित्तीयकरण के चैनल के रूप में पूंजी बाजार का उपयोग करने के बढ़ते प्रचलन को दर्शाता है।”

एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्या कांति घोष ने कहा, “इस साल नए डीमैट खातों की संख्या 4 करोड़ के आंकड़े को पार कर सकती है।”

उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों को छोड़कर, वित्त वर्ष 2022 की तुलना में वित्त वर्ष 2025 में महिलाओं की भागीदारी राष्ट्रीय औसत से अधिक बढ़ी है।

पिछले 10 वर्षों में पूंजी बाजारों से भारतीय कंपनियों द्वारा जुटाए गए फंड में 10 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 2014 में 12,068 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 (अक्टूबर तक) में 1.21 लाख करोड़ रुपये हो गई है।

वित्त वर्ष 2025 (अक्टूबर तक) में 302 इश्यू के जरिए इक्विटी बाजारों से कुल 1.21 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई गई है।

एनएसई बाजार पूंजीकरण वित्त वर्ष 2014 की तुलना में वित्त वर्ष 2025 (अब तक) में 6 गुना से अधिक बढ़कर 441 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया कि इक्विटी कैश सेगमेंट में औसत ट्रेड साइज वित्त वर्ष 2014 के 19,460 रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में (अब तक) 30,742 रुपये हो गया है।

–आईएएनएस

एबीएस/

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