पीएम मोदी का पत्र पाकर वैशाली खुश, मराठी को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा देने पर पीएम को लिखा था पत्र


नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र सरकार द्वारा मराठी को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा देने पर अहमदाबाद की वैशाली भंडारी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था और उनका धन्यवाद किया था। पीएम मोदी ने वैशाली के पत्र का जवाब दिया है। उन्‍होंने वैशाली के नाम एक पत्र भेजा है। इसे पाकर वैशाली बहुत खुश हैं। उन्हें पत्र पढ़कर ऐसा महसूस हो रहा है कि जैसे पीएम मोदी ने उन्हें पुकारा हो, ‘वैशाली’।”

महाराष्ट्रीयन अहमदाबाद समाज के हेमंत अगरकर बताया कि वैशाली भंडारी ने मराठी को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा देने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए पत्र लिखा था। उन्हें आश्चर्य हुआ कि पीएम मोदी ने उनके पत्र का जवाब दिया और उनका धन्‍यवाद स्‍वीकार क‍िया।

अगरकर ने बताया कि मराठी, दुनिया की 10वीं सबसे अधिक बोली जाने वाली और भारत की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जिसका इतिहास बहुत समृद्ध है। पोवाड़ा लोकगीतों में छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता की कहानियों से लेकर इसकी गहरी साहित्यिक परंपरा तक, मराठी भाषा ने भारत की स्वराज की भावना को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मोदी आर्काइव द्वारा ‘एक्स’ पर वैशाली भंडारी का एक वीडियो शेयर किया गया है। इस वीडियो में वैशाली पीएम मोदी के पत्र को पढ़कर बेहद खुश नजर आ रही हैं। उन्होंने बताया कि मराठी को ‘शास्त्रीय भाषा’ देने पर मैं बहुत खुश हुई थी। मराठी भाषा बहुत ही मीठी बोली है और बहुत अच्छी भाषा है। मुझे मराठी बोलने पर गर्व होता है। मैंने पीएम मोदी को इसलिए एक थैंक्यू वाला पत्र लिखा था। मुझे यह नहीं पता था कि इसके जवाब में वह मुझे पत्र लिखेंगे। उनका पत्र पाकर मुझे ऐसा लगा है कि पीएम मोदी मुझसे खुद मिलने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि भाषा सिर्फ बोलने के लिए नहीं होती, बल्कि इसके माध्यम से हम साहित्य से गहरा जुड़ाव रखते हैं। वैशाली ने कहा कि जब भी मौका म‍िलता है पीएम मोदी हम लोगों से मिलने के लिए आते हैं। उन्होंने हम लोगों को भुलाया नहीं है।

–आईएएनएस

डीकेएम/सीबीटी


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