लखनऊ, 16 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की 170 वीं बैठक हुई। इस दौरान उन्होंने कहा कि मंडियों में फसलों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं व इसके साथ कोल्ड रूम भी बनाए जाएं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कृषि फसलों की सुरक्षा के लिए मंडियों में कोल्ड रूम तैयार कराया जाए। इससे किसान अपनी फसल को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकेंगे। नगर पंचायत, नगर पालिका अथवा नगर निगम में स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप अच्छे हाट-पैठ बनाए जाएं। नए अधिसूचित नगरीय निकायों को प्राथमिकता दें। हाट-पैठ बनने के बाद संबंधित मंडी समिति द्वारा इसे नगर पंचायत, नगर पालिका अथवा नगर निगम को हस्तांतरित कर दिया जाए। हाट-पैठ के संचालन/अनुरक्षण/साफ-सफाई तथा परिसम्पत्तियों की सुरक्षा व्यवस्था का दायित्व संबंधित नगरीय निकाय का होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व से संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहां 1,553 करोड़ की आय हुई थी, वहीं, 2023-24 में लगभग 1,862 करोड़ की आय हुई। वहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में लगभग 400 करोड़ का राजस्व संग्रहित हो चुका है। मंडी शुल्क न्यूनतम होने के बाद भी मंडियों से राजस्व संग्रह में हुई बढ़ोतरी सराहनीय है। यह राजस्व किसानों के हित में ही व्यय किया जाए।
उन्होंने कहा कि मंडी किसानों के लिए है। दूरदराज से किसान अपनी फसल लेकर यहां आता है। ऐसे में यहां उनकी सुविधा और सुरक्षा के सभी प्रबंध होने चाहिए। मंडियों में साफ-सफाई, जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो। प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो। जलभराव की स्थिति न हो। शौचालय/पेयजल के पर्याप्त इंतज़ाम रखें। यहां किसानों के लिए विश्राम कक्ष और सस्ते दर वाली कैंटीन की व्यवस्था भी कराई जाए।
उन्होंने कहा कि नव स्थापित प्रसंस्करण इकाई को मंडी शुल्क से छूट देने की व्यवस्था का सरलीकरण किया जाना चाहिए। वर्तमान में इकाई स्थापना के दिनांक से छह माह के भीतर मंडलायुक्त के समक्ष आवेदन करना होता है, जिसे मंडलायुक्त द्वारा रिपोर्ट के लिए जिला मजिस्ट्रेट को भेजा जाता है। इस व्यवस्था का सरलीकरण करते हुए इकाई द्वारा आवेदन सीधे जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष ही किया जाए और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा अगले सात दिनों में रिपोर्ट के लिए मंडी समिति को भेज दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बरीपाल और मुरादाबाद की मंडी समिति में खाद्य तेलों पर यूजर चार्ज लिए जाने की व्यवस्था है। व्यापारियों के हित में इसे समाप्त किया जाना चाहिए। यदि कोई व्यापारी वर्ष भर में मंडी की दुकान से जितने मूल्य के खाद्य तेलों का व्यापार करे, न्यूनतम उतने ही मूल्य के कृषि उत्पाद, जिन पर मंडी शुल्क या यूजर चार्ज लिया जाता है, का भी व्यापार करे तो उनसे खाद्य तेल पर यूजर चार्ज न लिया जाए। मंडी परिषद एवं मंडी समितियों में विभिन्न विभागीय संपत्तियों की नीलामी को शुचितापूर्ण और पारदर्शी बनाने के लिए ‘मैनुअल के स्थान पर ई-ऑक्शन’ व्यवस्था लागू किया जाए।
–आईएएनएस
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