मुंबई, 4 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चितता और फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति बैठक के बीच भारतीय शेयर बाजार सोमवार को लाल निशान में बंद हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत घोषणा 7 नवंबर को होगी। इस बीच सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही इंडेक्स में 2 प्रतिशत तक की भारी गिरावट देखने को मिली। हालांकि, कारोबार के अंत में बाजार में कुछ रिकवरी हुई।
बीएसई का सेंसेक्स 941.88 अंक या 1.18 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ। वहीं, दूसरी ओर एनएसई का निफ्टी 309 अंक या 1.27 प्रतिशत गिरने के बाद 23,995.35 पर बंद हुआ। मिड और स्मॉल कैप इंडेक्स भी 2 प्रतिशत तक गिरे। निफ्टी बैंक 458.65 अंक या 0.89 प्रतिशत गिरने के बाद 51,215.25 पर आ गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स कारोबार के अंत में 711.50 अंक या 1.26 प्रतिशत गिरने के बाद 55,784.55 पर बंद हुआ।
निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 370.25 अंक या 1.97 प्रतिशत चढ़ने के बाद 18,424.65 पर बंद हुआ। निफ्टी के रियलिटी, एनर्जी, मीडिया, इंफ्रा और कमोडिटीज सेक्टर में भारी बिकवाली रही। वहीं, ऑटो, फिन सर्विसेज, एफएमसीजी और मेटल सेक्टर भी 1 प्रतिशत की गिरावट के साथ लाल निशान पर रहे।
बाजार का रुझान नकारात्मक रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,357 शेयर्स हरे, 2,705 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे। वहीं, 137 शेयर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं रहा। सेंसेक्स पैक में रिलायंस, सन फार्मा, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, टाइटन, पावर ग्रिड, टाटा स्टील और भारती एयरटेल टॉप लूजर्स रहे।
वहीं, एमएंडएम, टेक महिंद्रा, एसबीआई, एचसीएल टेक, इंफोसिस और इंडसइंड बैंक टॉप गेनर्स रहे। गिरावट के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का मार्केट कैप करीब 6 लाख करोड़ रुपये गिरकर 442 लाख करोड़ रुपये रह गया है।
बाजार के जानकारों के अनुसार, अगले सप्ताह नीति में यूएस फेड द्वारा 25 बीपीएस की दर कटौती की उम्मीद है। स्पष्ट रूप से, यूएस ने पहले की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे कठोर लैंडर्स पीछे रह गए हैं। आने वाले सप्ताह में महत्वपूर्ण मैक्रोइकोनॉमिक डेटा रिलीज होने वाले हैं, जो संभावित रूप से इसके निर्णय लेने को आकार देंगे।
उन्होंने आगे कहा, अक्टूबर की रोजगार रिपोर्ट में 13 सितंबर को हड़ताल पर गए 33,000 बोइंग कर्मचारियों और बोइंग के आपूर्तिकर्ताओं में अतिरिक्त 22,000 छंटनी के साथ-साथ 9 अक्टूबर को आए तूफान मिल्टन के प्रभाव को दर्शाया जाएगा। ये कारक मैक्रोइकोनॉमिक संख्याओं को पिछले रीडिंग से खराब दिखा सकते हैं।
–आईएएनएस
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