गर्भावस्था में धूम्रपान करना असुरक्षित, बच्चे को हो सकता है खतरा : अध्ययन

गर्भावस्था में धूम्रपान करना असुरक्षित, बच्चे को हो सकता है खतरा : अध्ययन

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। गर्भावस्था में सिगरेट पीने को लेकर एक रिसर्च सामने आया है। इसमें ये बात निकलकर सामने आई है कि गर्भावस्था से पहले या उस दौरान प्रतिदिन मात्र 1-2 सिगरेट पीने से भी भ्रूण को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

चीन में शांडोंग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक शोध किया गया। इसमें इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि प्रेग्नेंट होने वाली या प्रेग्नेंट होने की योजना बना रही महिलाओं को अपने पेट में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए धूम्रपान छोड़ देना चाहिए।

रिसर्च में गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान को समय से पहले प्रसव, जन्म के समय कम वजन और भ्रूण के सीमित विकास के जोखिम में वृद्धि से जोड़ा गया है।

हालांकि, इस बात की संभावना कम है कि नवजात शिशु को मां के सिगरेट पीने से ज्यादा नुकसान हो सकता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है क्योंकि कई महिलाओं को लगता है कि गर्भवती होने से पहले, गर्भावस्था के पहले तीन महीनों के दौरान धूम्रपान करना ठीक है, या कम धूम्रपान पूरी तरह हानिकारक नहीं है।

अध्ययन के लिए 2016 से 2019 तक अमेरिका से राष्ट्रीय जन्म प्रमाण डाटा का उपयोग किया गया, जिसमें कुल 15,379,982 बच्चों का जन्म दर्ज किया गया।

धूम्रपान नवजात शिशु के स्वास्थ्य से जुड़ी बड़ी समस्याओं के जोखिम को बढ़ाता है, जिसमें सहायक वेंटिलेशन की आवश्यकता, एनआईसीयू में भर्ती होना, सर्फेक्टेंट रिप्लेसमेंट थेरेपी, संदिग्ध सेप्सिस और दौरे या गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्याएं शामिल हैं।

इन समस्याओं का प्रचलन लगभग 9.5 प्रतिशत था। गर्भावस्था से पहले धूम्रपान करने से उनके नवजात शिशु को एक से अधिक बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने की संभावना अधिक होती है।

जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिटी हेल्थ में प्रकाशित निष्कर्षों के अनुसार, कम धूम्रपान, जैसे कि दिन में 1-2 सिगरेट पीना भी नवजात शिशु के स्वास्थ्य से जुड़ी बड़ी समस्याओं के जोखिम को बढ़ाता है।

अध्ययन का निष्कर्ष है कि गर्भावस्था से ठीक पहले या उस दौरान सिगरेट पीने की कोई सुरक्षित अवधि या स्तर नहीं है और धूम्रपान नहीं करने वालों के लिए धूम्रपान शुरू करने से रोकने और धूम्रपान करने वालों के लिए इसे बंद करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

–आईएएनएस

एससीएच/एसकेपी

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