नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। निर्देशक शूजीत सरकार ने महान फिल्म निर्माता सत्यजीत रे से मिली सीख के बारे में बात की और कहा कि उनकी फिल्मों से कोई यही सीख सकता है कि बिना समझौता किए भी फिल्म बनाई जा सकती है, भले ही उसके पास साधन न हों।
आज के समय में रे के काम से मिली सीख के बारे में बात करते हुए सरकार ने आईएएनएस से कहा, “आज के सिनेमा से इसकी कोई तुलना नहीं है। उनकी फिल्में हर फिल्म निर्माता या कलाकार को देखनी चाहिए और यहां तक कि गैर-फिल्म निर्माताओं को भी उनकी फिल्में देखनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, ”उन्होंने कितनी खूबसूरती और सटीकता से अपनी फिल्में बनाई हैं और अपनी कहानियां पेश की हैं। वह अपने बजट या अपनी कला के निर्माण को लेकर सचेत थे। फिल्म बनाने के लिए उनके पास जो भी साधन थे, उसी में वो अपनी कली की अभिव्यक्ति करते थे।”
फिल्म निर्माता ने कहा कि आज के सिनेमा में कहीं न कहीं लोग समझौता करने लगते हैं।
उन्होंने कहा, “सबसे महत्वपूर्ण सीख यह है कि आज की फिल्मों में मुझे लगता है कि लोग कहीं न कहीं समझौता कर लेते हैं, जो उन्होंने नहीं किया है। उनकी फिल्मों से आप सीखते हैं कि बिना समझौता किए आप साधन न होने पर भी फिल्म बना सकते हैं।”
शूजीत सरकार को लघु फिल्म प्रतियोगिता खंड के लिए इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न (आईएफएफएम) 2024 के 15वें संस्करण में जूरी के लिए जज के रूप में चुना गया था।
जूरी का हिस्सा होने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “आम तौर पर, आपकी फिल्मों को जज किया जाता है और अब आपको जज करना है। आम तौर पर मैं ऐसा नहीं करता। मैंने यह मितु लांगे के लिए किया, उसने इसके लिए अद्भुत काम किया है। आईएफएफएम…यह ऑस्ट्रेलिया में भारत के लिए एक बहुत ही मैत्रीपूर्ण त्योहार है।
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय और दक्षिण एशियाई फिल्मों को बढ़ावा देने के मामले में यह एक सराहनीय काम है। मैं इस जूरी का हिस्सा बनने के लिए भाग्यशाली हूं।
उन्होंने कहा कि लघु फिल्में फीचर फिल्मों जितनी ही महत्वपूर्ण हैं।
जूरी सदस्य के रूप में काम करने के अलावा, उनकी फिल्म “उमेश क्रॉनिकल्स”, जिसे फिल्म निर्माता ने निर्मित किया है, इसमें प्रदर्शित किया जाएगा।
–आईएएनएस
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