रवीना टंडन ने विशाल सबली की पेंटिंग को 'महिला सशक्तिीकरण' का उदाहरण बताया

रवीना टंडन ने विशाल सबली की पेंटिंग को 'महिला सशक्तिीकरण' का उदाहरण बताया

मुंबई, 3 जनवरी (आईएएनएस)। बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन ने हाल ही में कलाकार विशाल सबली की पेंटिंग की तारीफ की। रवीना ने कहा कि सबली की पेंटिंग में महिला सशक्तीकरण दिखता है।

रवीना ने विशाल सबली की प्रदर्शनी नायिका: रीक्रिएटिंग द एसेंस ऑफ फेमिनिन का उद्घाटन किया। यह मुंबई के जहांगीर आर्ट गैलरी में आयोजित की गई थी। इस मौके पर कई प्रमुख कलाकार मौजूद रहे। इनमें वास्तु महागुरु बसंत आर. रसीवासिया, ओम थाडकर, ममता शर्मा, प्रवीण गंगुर्दे, क्यूरेटर रितु चोपड़ा, मूर्तिकार किरण महाले, फोटोग्राफर-लेखक फवजान हुसैन और डॉ. (माननीय) अनुषा श्रीनिवासन अय्यर शामिल थे।

विशाल सबली की कला भारतीय पौराणिक कथाओं से प्रेरित है। उनकी कलाकृतियां महिलाओं की दिव्य शक्ति और सुंदरता को दर्शाती हैं। इसमें देवियों और नायिकाओं, जैसे दुर्गा, त्रिपुर सुंदरी, लक्ष्मी, ब्रह्माणी और सरस्वती का चित्रण किया गया है। इन सभी देवियों को शक्ति और अनुग्रह के साथ चित्रित किया गया है, जो उनके प्रति सम्मान और श्रद्धा को दर्शाते हैं।

रवीना टंडन ने विशाल की कला के बारे में बात करते हुए कहा, “विशाल का काम बेहद खास है। उनकी कलाकृतियां महिलाओं को अलग-अलग रूपों में दिखाती हैं, जैसे मां सरस्वती, मां दुर्गा और मां पार्वती। हर चित्रण में हमें शक्ति और गरिमा की झलक मिलती है।”

रवीना ने आगे कहा, “महिला सशक्तिकरण में विश्वास करने के नाते, मुझे यह बहुत प्रेरणादायक लगता है कि विशाल जैसे पुरुष कलाकार ने महिलाओं को इस तरह से प्रस्तुत किया है। यह नया साल है और वह अपनी नई कलाकृतियां पेश कर रहे हैं, जो इसे और भी खास बना देती हैं।”

रवीना टंडन ने यह भी कहा, “हमें अपनी जिंदगी में हर महिला का सम्मान करना चाहिए। जब हम किसी महिला का सम्मान करते हैं, तो हम लक्ष्मी, सरस्वती और गणपति जैसे सभी दिव्य रूपों का सम्मान करते हैं। महिलाओं का सम्मान आशीर्वाद लाता है।”

कला में अपनी रुचि के बारे में पूछे जाने पर रवीना ने कहा, “मैं पेंटिंग और अन्य सभी प्रकार की कला में रुचि रखती हूं। मुझे प्रतिभाशाली कलाकारों की कृतियों की सराहना करना अच्छा लगता है। भारत में बहुत सारी कलात्मक प्रतिभाएं हैं, लेकिन कई कलाकारों को अपनी कला दिखाने का मंच नहीं मिलता। मुझे लगता है कि विशाल का काम अद्भुत है और उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।”

यह प्रदर्शनी 31 दिसंबर से 6 जनवरी तक मुंबई के जहांगीर आर्ट गैलरी में जनता के लिए खुली है।

–आईएएनएस

पीएसएम/जीकेटी

E-Magazine