हाथरस की घटना पर राहुल गांधी कर रहे दुर्भाग्यपूर्ण राजनीति : राकेश त्रिपाठी

हाथरस की घटना पर राहुल गांधी कर रहे दुर्भाग्यपूर्ण राजनीति : राकेश त्रिपाठी

नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)। यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में सौ से ज्यादा लोगों की मौत की घटना पर बयानबाजियों का दौर जारी है। इसी बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पीड़ितों की मदद की अपील करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने पलटवार किया है।

भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि हाथरस की दुखद घटना पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी दुर्भाग्यपूर्ण राजनीति कर रहे हैं, यह अच्छी बात नहीं है। हाथरस की घटना पर जितनी तेज गति से कार्रवाई करनी चाहिए, योगी सरकार ने की। मुआवजा राशि भी लोगों तक पहुंचा दी गई है। इसके बावजूद राहुल गांधी फोटो अपॉर्चुनिटी तलाश रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मीडिया में कैसे सनसनी बनाई जाए, कैसे सुर्खियां बटोरी जाए, इसके लिए राहुल गांधी घृणित राजनीति करने का काम कर रहे हैं। ऐसी घटना पर संवेदना जताई जाती है, सहानुभूति रखी जाती है। राज्य सरकार दोषियों पर कार्रवाई कर रही है, उसके बावजूद सरकार को कटघरे में खड़ा करना, वोट बैंक की तलाश करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच के लिए योगी सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बृजेश कुमार श्रीवास्तव के अध्यक्षता में एक न्यायिक जांच आयोग बनाई है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई है। पूरे मामले की जांच हो रही है, एफआईआर दर्ज हो चुकी है, विवेचना हो रही है, कई गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं। इसके बावजूद सवाल खड़ा करना गलत है, इससे स्थापित होता है कि आप राजनीति कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसा घृणित काम करने से राहुल गांधी को बाज आना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि शनिवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर मुआवजे की राशि को बढ़ाने, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि मुआवजा राशि अपर्याप्त है, इसलिए मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए और इसे जल्द से जल्द मृतकों के परिजनों को दिया जाए।

उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा कि हादसे की जांच पारदर्शी तरीके से कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

–आईएएनएस

पीएसके/सीबीटी

E-Magazine