मुजफ्फरपुर, 4 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार में प्रसिद्ध लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर तैयारी अंतिम चरण में है। बिहार में छठ पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। आम से लेकर खास लोग इस पर्व की तैयारी में जुटे हैं। बिहार के कई जेलों में भी छठ की तैयारी चल रही है। मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में भी इस साल बड़ी संख्या में कैदी छठ व्रत की तैयारी में जुटे हैं।
जेल प्रशासन का दावा है कि जेल में छठ को लेकर तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। बताया जाता है कि इस साल 47 महिला के साथ-साथ 49 पुरुष छठ पर्व करेंगे। छठ व्रत करने वालों में हिन्दू कैदियों के अलावा मुस्लिम समाज के तीन कैदी शामिल हैं।
बताया गया कि केंद्रीय कारा में महिलाओं से अधिक इस बार पुरुष बंदी लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारी में जुटे हैं। पर्व को लेकर जेल प्रशासन भी तैयारी में जुटा है। जेल प्रशासन का कहना है कि छठ पर्व को लेकर श्रद्धालुओं को ऐसी सुविधा दिए जाने की कोशिश की जा रही है कि उन्हें एहसास नहीं हो कि वह घर में है या फिर जेल में हैं।
जेल परिसर स्थित तालाब को चारों तरफ सजाया गया है। तालाब के किनारे रंगरोगन किया गया है तथा रोशनी की व्यवस्था की गई है। आकर्षक रंग-बिरंगी लाइटें तालाब के किनारे लगाई गई है।
जेल अधीक्षक बृजेश सिंह मेहता ने बताया कि इस बार जेल के अंदर महिलाओं से अधिक पुरुष बंदी लोक आस्था का महापर्व छठ कर रहे हैं। इसमें तीन मुस्लिम और एक सिख धर्म के मानने वाले हैं। मंगलवार को नहाए – खाए के साथ अनुष्ठान की शुरुआत हो जाएगी। मंगलवार को नहाए-खाए के लिए उपयोग होने वाली सभी सामग्री छठ व्रत करने वाले बंदियों को उपलब्ध करा दी गई है।
उन्होंने बताया कि बंदियों को छठ व्रत करने के लिए सारी सामग्री जेल प्रशासन उपलब्ध करा रहा है। साफ-सफाई से लेकर पूरी तैयारी हो गई है। लोक आस्था का महापर्व जब जेल के अंदर होता है तो यह मनोरम दृश्य होता है। चार दिवसीय इस महापर्व छठ की शुरुआत मंगलवार को नहाय खाय से हो रही है।
पर्व के दूसरे दिन बुधवार को खरना है और गुरुवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शुक्रवार को उगते भगवान भास्कर को अर्घ्य के साथ लोक आस्था के इस महापर्व का समापन होगा।
–आईएएनएस
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