प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना : एमपी में पारंपरिक खेती छोड़ किसान ने अपनाई “पर ड्राप मोर क्रॉप” स्कीम, कमाई हुई दोगुने से ज्यादा

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना : एमपी में पारंपरिक खेती छोड़ किसान ने अपनाई “पर ड्राप मोर क्रॉप” स्कीम, कमाई हुई दोगुने से ज्यादा

नीमच, 8 जनवरी (आईएएनएस)। देश के किसानों को समृद्ध बनाने और खेती के लिए समुचित पानी की व्यवस्था करने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना “पर ड्राप मोर क्रॉप” (माइक्रो इरीगेशन) से किसान पारंपरिक खेती की जगह आधुनिक खेती अपना कर अपनी आय कई गुना तक बढ़ा रहे हैं। मध्यप्रदेश में नीमच के सरजना गांव के रहने वाले किसान गोपाल पाटीदार ने “पर ड्राप मोर क्रॉप” योजना का लाभ लेते हुए टमाटर की फसल से रिकॉर्ड तोड़ कमाई की।

गोपाल पाटीदार ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया, “मैं 1990 से खेती कर रहा हूं। पहले जब मैं टमाटर की खेती करता था, तो उसमें बहुत लागत लग जाती थी। फिर लेबर भी बहुत होता था। उसमें फायदा कम होता था। पहले मुझे दो लाख रुपये तक का लाभ मिलता था। फिर प्रधानमंत्री की इस योजना के तहत मैंने फुहारे और मिनी फुहारे खरीदे। उसे लगाया, तो मेरी मेहनत कम हो गई है। इस बार करीब 4 लाख 80 हजार रुपये का लाभ मिला है।”

उन्होंने कहा, “ड्रिप 1 घंटे में एक पौधे को करीब 4 लीटर पानी देती है। तो इस प्रकार खेत में नमी रहती है। खेत में नमी रहने के कारण यह फायदा होता है कि पानी और बीज की बचत होती है। इस योजना से मिले लाभ की वजह से खेती बहुत बढ़िया हो रही है। यह योजना शुरू करने के लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देता हूं।”

नीमच कृषि उद्यान के उपसंचालक अतर सिंह कन्नौजी ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया, “ग्राम सरधना के रूप में रहने वाले गोपाल पाटीदार को लाभ दिया गया है। उन्हें हमने मल्चिंग में प्रति एकड़ 16,000 रुपये का लाभ दिया है और उन्होंने अपने खेतों में मल्चिंग का उपयोग किया है। इसके साथ ही, हमने उन्हें ड्रिप सिंचाई योजना में भी 61,730 रुपये का लाभ दिया है। इसके अतिरिक्त, हम उन्हें मिनी स्प्रिंकलर योजना के तहत 42,360 रुपये का अनुदान भी दे चुके हैं। यह 2024 में दिया गया।”

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एक बहुत ही प्रभावी योजना साबित हो रही है, जिसके द्वारा किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है। इस योजना के चलते किसानों ने टमाटर जैसे फसल का अच्छा उत्पादन लिया है। पहले जब किसान परंपरागत तरीके से खेती करते थे, तो उन्हें उतना लाभ नहीं होता था। लेकिन अब जब उन्होंने ड्रि‍प स्प्रिंकलर जैसी नई तकनीक को अपनाया है, तो फसल का उत्पादन और आय दोगुनी से ज्यादा हो गई है। प्रधानमंत्री कृषि योजना, मल्चिंग और नई तकनीकों से किसानों को काफी लाभ मिल रहा है। ये योजनाएं किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद कर रही है और उनकी आय में वृद्धि हो रही है।”

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

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