पूर्वांचल से पंजाब तक साध गए पीएम मोदी…

पूर्वांचल से पंजाब तक साध गए पीएम मोदी…

आस्था के प्रमुख केंद्र संत शिरोमणि रविदास का आशीर्वाद लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी से लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद कर दिया। वाराणसी में करीब छह घंटे के तीन कार्यक्रमों के जरिये उन्होंने हर वर्ग के मतदाताओं के साथ ही पूर्वांचल से पंजाब तक का राजनीतिक और सामाजिक समीकरण साधा है। रैदासिया संप्रदाय के जरिये पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े वोट बैंक को संदेश दिया। साथ ही जाति-धर्म की राजनीति का तिरस्कार करने की अपील की।

दो जनसभाओं के जरिये प्रधानमंत्री ने सधे अंदाज में महिला, किसान, युवा, पिछड़ा और अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को साधा है। विपक्ष के खिलाफ मुखर पीएम ने अपने तीसरे कार्यकाल का सपना दिखाया। साथ ही कहा कि पांच वर्ष भारत के सामर्थ्य का सबसे प्रखर कालखंड रहेगा।

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार काशी आए पीएम मोदी ने कहा कि संत रविदास की जन्मस्थली से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी का सीधा जुड़ाव है। पंजाब की 13 में 8, हरियाणा की 10 में 6 और पश्चिमी यूपी की 12 लोकसभा सीटों पर अनुसूचित जाति के मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं। इसी तरह विकास योजनाओं के जरिये आजमगढ़, मिर्जापुर और वाराणसी मंडल की 12 लोकसभा सीटों का समीकरण साधने की कोशिश की गई है। संत रविदास मंदिर परिसर से पीएम मोदी ने विपक्ष को अनुसूचित जाति विरोधी बताया। पीएम मोदी वर्ष 2016 और 2019 में भी संत रविदास मंदिर गए थे।

महिलाओं को दिया संदेश
करखियांव की जनसभा से पीएम मोदी ने महिलाओं को संदेश दिया। कहा कि बनास डेयरी प्रबंधन से दूध का पैसा सीधे बहनों के बैंक खातों में डिजिटल तरीके से भेजा जाएगा। दरअसल, वाराणसी में ही 30 लाख मतदाताओं में 14,03,428 महिला हैं। ऐसे ही प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में महिला मतदाताओं की भूमिका निर्णायक रहती है। किसान, नौजवान और छोटे उद्योगों से जुड़े मजदूरों को भी साधा है।

खुद को बताया ब्रांड एंबेसडर
पीएम मोदी ने लोकल फॉर वोकल की भी चर्चा की और खुद को देश के हर छोटे किसान, छोटे उद्यमी का एंबेसडर भी बताया। पिछड़ों को श्रम बाजार से जोड़ने के अभियान का जिक्र किया। छोटे किसान, पशुपालक, कारीगर, शिल्पकार और लघु उद्यमियों से जुड़े फायदे भी बताए।

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