कैंसर से उबरे लोगों में दर्द की तीव्रता घटा सकती है शारीरिक गतिविधि : शोध

कैंसर से उबरे लोगों में दर्द की तीव्रता घटा सकती है शारीरिक गतिविधि : शोध

न्यूयॉर्क, 12 फरवरी (आईएएनएस)। जिन लोगों को कैंसर है, उन्हें अक्सर दर्द का अनुभव होता है, लेकिन एक नए शोध से पता चला है कि शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से दर्द की तीव्रता को कम करने में मदद मिल सकती है।

हालांकि शारीरिक गतिविधि विभिन्न प्रकार के दर्द को कम करती है, लेकिन कैंसर से संबंधित दर्द पर इसका प्रभाव स्पष्ट नहीं है।

जर्नल ‘कैंसर’ में ऑनलाइन प्रकाशित शोधपत्र से पता चलता है कि उच्च स्तर की शारीरिक गतिविधि दर्द को कम कर देती है और कैंसर के इतिहास वाले और उसके बिना भी वयस्कों में इसी हद तक दर्द में कमी पाई गई है।

जॉर्जिया में अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के जनसंख्या विज्ञान विभाग की डॉ. एरिका रीस-पुनिया ने कहा, “कुछ लोगों को यह अटपटा लग सकता है, लेकिन कई प्रकार के दर्द को कम करने के लिए शारीरिक गतिविधि एक प्रभावी, गैर-औषधीय विकल्प है। जैसा कि हमारे शोध से पता चलता है, शारीरिक गतिविधि बढ़ाने से कैंसर और उसके उपचार से जुड़े दर्द में कमी हो सकती है।”

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न विश्‍वविद्यालय की एक टीम ने कैंसर के इतिहास के बिना 51,439 वयस्कों और पिछले कैंसर निदान वाले 10,651 वयस्कों से संबंधित जानकारी का विश्‍लेषण किया।

प्रतिभागियों से पूछा गया, “आप अपने दर्द का औसत मूल्यांकन कैसे करेंगे,” उत्तर 0 (कोई दर्द नहीं) से लेकर 10 (सबसे खराब दर्द जिसकी कल्पना की जा सकती है) तक थी। प्रतिभागियों से उनकी सामान्य शारीरिक गतिविधि के बारे में भी पूछा गया।

परिणामों से पता चला कि जिन व्यक्तियों को पहले कैंसर था और जिनके पास कैंसर का इतिहास नहीं था, उनके लिए भी अधिक शारीरिक गतिविधि दर्द की तीव्रता में कमी लाने में कारगर है।

परिणाम दर्शाता है कि व्यायाम कैंसर से संबंधित दर्द को कम कर सकता है, जैसे कि यह अन्य प्रकार के दर्द में कमी लाने के लिए किया जाता है।

पिछले कैंसर निदान वाले प्रतिभागियों में, जो लोग शारीरिक गतिविधि दिशानिर्देशों को पूरा करने में विफल रहे, उनकी तुलना में शारीरिक गतिविधि दिशानिर्देशों को पूरा करने में मध्यम से गंभीर दर्द की रिपोर्ट करने की संभावना 16 प्रतिशत कम थी।

इसके अलावा, निष्क्रिय रहने वाले लोगों की तुलना में, जो लोग लगातार सक्रिय थे या वयस्कता में सक्रिय हो गए थे, उन्हें कम दर्द का अनुभव हुआ।

–आईएएनएस

एसजीके/

E-Magazine