पैकेज्ड जूस हानिकारक, इसके बजाय ताजा फल खाना सेहतमंद : हेल्थ एक्सपर्ट

पैकेज्ड जूस हानिकारक, इसके बजाय ताजा फल खाना सेहतमंद : हेल्थ एक्सपर्ट

नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। विशेषज्ञों ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा कि पैकेज्ड जूस स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं और उनमें पोषण की मात्रा कम होती है। उन्‍होंने इससे बचने की सलाह दी।

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह हर साल 1 से 7 सितंबर तक मनाया जाता है। इस साल का थीम है ‘सभी के लिए पौष्टिक आहार’।

पैकेज्ड जूस में आमतौर पर फलों का गूदा कम होता है और उनमें चीनी की मात्रा अधिक होने होती है। इससे उसके सेवन से मधुमेह और मोटापे का खतरा होता है।

प्रोसेस्ड जूस में फाइबर, विटामिन और मिनरल की भी कमी होती है।

फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग की यूनिट हेड-डायटेटिक्स डॉ. श्वेता गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, “पैकेज्ड जूस बिल्कुल भी सेहतमंद नहीं होते। इनमें चीनी की मात्रा अधिक और पोषक तत्‍व कम होते हैं। इसमें फलों के गूदे की मात्रा कम होती है, जबकि कृत्रिम स्वाद, स्टेबलाइजर, चीनी/मीठा पदार्थ/फ्रक्टोज सिरप की मात्रा आम तौर पर बहुत अधिक होती है।”

गुप्ता ने ताजा और पैकेज्ड जूस के बजाय ताजे फल खाने की सलाह दी। ऐसा इसलिए, क्योंकि जब जूस तैयार किया जाता है, तो उसका गूदा निकाल दिया जाता है और उसके साथ-साथ विटामिन, खनिज, फाइबर भी निकल जाते हैं। इसलिए, अच्छे स्वास्थ्य के लिए जूस, खासकर पैकेज्ड जूस से बचें।”

दिल्ली के सीके बिड़ला अस्पताल में मिनिमल एक्सेस, जीआई और बैरिएट्रिक सर्जरी के निदेशक डॉ. सुखविंदर सिंह सग्गू ने आईएएनएस को बताया कि पैकेज्ड फ्रूट जूस पीने से वजन बढ़ सकता है, इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके बजाय ताजे फल विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट का संतुलित मिश्रण प्रदान करते हैं।

सग्गू ने कहा कि, “अपने स्वस्थ ब्रांडिंग के बावजूद, पैकेज्ड फलों के रस में अक्सर अतिरिक्त चीनी होती है और आवश्यक पोषक तत्व और फाइबर नहीं होते, जो पूरे फल प्रदान करते हैं। इसके अलावा, इन रसों को बनाने में शामिल तत्व अक्सर लाभकारी एंजाइमों को नष्ट कर देते है और उत्पाद की गुणवत्ता को कम कर देते है।”

अगर आप स्वस्थ आहार बनाए रखना चाहते हैं, तो पैकेज्ड फ्रूट जूस से पूरी तरह बचना सबसे अच्छा उपाय है। इसके बजाय पूरे फल या ताजा जूस चुनें, क्योंकि वे आपके शरीर को पोषण प्रदान करते हैं।

–आईएएनएस

एकेएस/सीबीटी

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