नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत के ऑफिस सेक्टर में 2024 में टॉप आठ शहरों में ग्रॉस लीजिंग वॉल्यूम (जीएलवी) में 89 मिलियन वर्ग फीट (एमएसएफ) की बढ़ोतरी देखी गई है।
ग्लोबल कमर्शियल रियल एस्टेट सर्विस फर्म कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सेक्टर में दर्ज किया गया अब तक का सबसे अधिक ग्रॉस लीजिंग वॉल्यूम है, जो 2023 के पीक से 14 मिलियन वर्ग फीट अधिक है और इसमें 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
ग्रॉस लीजिंग वॉल्यूम में नए टेक-अप, कॉरपोरेट्स द्वारा ओपन मार्केट रिन्यूअल और प्री-लीजिंग शामिल हैं। यह ओवरऑल मार्केट एक्टिविटी का संकेत है।
शहरों की बात की जाए तो, बेंगलुरु ने 29 प्रतिशत जीएलवी (25.93 मिलियन वर्ग फीट) के साथ बढ़त हासिल की, इसके बाद मुंबई 20 प्रतिशत (17.84 मिलियन वर्ग फीट) और दिल्ली-एनसीआर 15 प्रतिशत (13.14 मिलियन वर्ग फीट) के साथ क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि हैदराबाद और पुणे क्रमशः 14 प्रतिशत (12.31 एमएसएफ) और 10 प्रतिशत (8.47 एमएसएफ) की हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पांच शहरों में शामिल हैं।
कुशमैन एंड वेकफील्ड के मुख्य कार्यकारी, भारत, दक्षिण पूर्व एशिया और एपीएसी टेनेंट रिप्रेजेंटेशन, अंशुल जैन ने कहा, “वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) कुल मांग में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देती है। जीसीसी की बढ़ती उपस्थिति वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भारत के रणनीतिक महत्व को दर्शाती हैं।”
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम 2025 में प्रवेश कर रहे हैं, ग्रेड-ए स्पेस की मांग मजबूत रहने की उम्मीद है, जिससे ग्लोबल ऑफिस मार्केट में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।
नेट अब्जॉर्प्शन, जो बाजार में वास्तविक मांग या ऑक्यूपाइड स्पेस के विस्तार का बैरोमीटर है, भी रिकॉर्ड तोड़ 50 एमएसएफ पर था, जो 2019 के पूर्व-कोविड पीक से 7 एमएसएफ अधिक था।
बेंगलुरू फिर से 14.18 मिलियन वर्ग फीट नेट अब्जॉर्प्शन के साथ लिस्ट में टॉप पर रहा, जिसने कुल नेट अब्जॉर्प्शन का 28 प्रतिशत प्राप्त किया। इसके बाद मुंबई 10.93 एमएसएफ, हैदराबाद 8.18 एमएसएफ और दिल्ली-एनसीआर 7.06 एमएसएफ पर है।
2024 की चौथी तिमाही मजबूत मांग में एक प्रमुख योगदानकर्ता थी क्योंकि तिमाही के लिए जीएलवी और नेट अब्जॉर्प्शन क्रमशः 24 एमएसएफ और 16 एमएसएफ था।
सेक्टोरल प्रदर्शन की बात करें तो आईटी-बीपीएम सेक्टर 2024 की चौथी तिमाही में लगभग 30 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ मांग में सबसे बड़ा योगदानकर्ता था।
–आईएएनएस
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