विश्वविद्यालयों को नई ऊंचाई देने में गैर-शैक्षणिक कर्मचारी भी अब बंटाएंगे हाथ

विश्वविद्यालयों को नई ऊंचाई देने में गैर-शैक्षणिक कर्मचारी भी अब बंटाएंगे हाथ

विश्वविद्यालयों में किसी भी छात्र के दाखिला लेने के दौरान उसका सामना सबसे पहले उन गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों से होता है, जिनका छात्र की पढ़ाई से कोई सीधा वास्ता नहीं होता है, लेकिन उनका बात-व्यवहार और दक्षता छात्र के मन में संस्थान को लेकर नई छवि गढ़ता है।

गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत विश्वविद्यालयों को विश्वस्तरीय बनाने में जुटे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फिलहाल इस दिशा में एक बड़ी पहल की है। विश्वविद्यालयों में काम करने सभी गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को क्षमता निर्माण से जुड़ा एक विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसका उन्हें प्रमाण-पत्र भी मिलेगा। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसको पदोन्नति और वेतन-वृद्धि आदि से भी जोड़ दिया जाएगा।

पहले चरण में इतने विश्वविद्यालयों को किया गया शामिल

यूजीसी ने विश्वविद्यालयों के गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को क्षमता निर्माण के लिए विशेष प्रशिक्षण देने की यह पहल ‘मिशन कर्मयोगी’ के तहत केंद्र सरकार की ओर से गठित क्षमता निर्माण आयोग (कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन) के साथ मिलकर शुरू किया है। कार्यक्रम के पहले चरण में 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है,  जिन्हें चार महीने के भीतर अपने सभी गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए कहा है।

ऑनलाइन होगा पूरा प्रशिक्षण

यह पूरा प्रशिक्षण ऑनलाइन होगा। इसके बाद राज्य, डीम्ड और निजी विश्वविद्यालयों को इससे जोड़ा जाएगा। देश में मौजूदा समय में 11 सौ से अधिक विश्वविद्यालय है। यूजीसी ने हाल ही में अपने कर्मचारियों को भी क्षमता निर्माण आयोग के जरिए ही प्रशिक्षण दिलाया था।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के सभी गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को अगले चार महीने में क्षमता निर्माण से जुड़ा प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। विश्वविद्यालयों से भी अपने कर्मचारियों को जल्द से जल्द प्रशिक्षण दिलाने का अनुरोध किया गया है। यह प्रशिक्षण ऑनलाइन है। उन्हें इस कोर्स को करने के बाद सर्टिफिकेट भी मिलेगा।

इन क्षेत्रों में होगा फोकस

प्रशिक्षण में जिन क्षेत्रों पर फोकस होगा, उनमें मनोविज्ञान को समझना, प्रौद्योगिकी का उपयोग करना, उच्च शिक्षा के इको सिस्टम को समझना, शिक्षाविदों का प्रबंधन करना, स्थापना मामलों को संभालना, वित्त प्रबंधन और उससे जुड़ी परियोजना का प्रबंधन जैसे विषय शामिल हैं।

इसके साथ ही एआई का उपयोग, उभरती प्रौद्योगिकी के बारे में परिचय, डेटा-संचालित निर्णय लेने (डीडीडीएम) की तकनीक, माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल का परिचय, नोटिंग और ड्राफ्टिंग, आरटीआई अधिनियम, जीएफआर नियम, और संचार कौशल आदि शामिल है। इसके साथ ही मिशन लाइफ व कार्यस्थल पर योग आदि विषय शामिल है। 

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