अभी भी हिंसा में झुलस रहा मणिपुर! उग्रवादियों ने दो पुलिस चौकियों समेत 70 घर फूंके!

अभी भी हिंसा में झुलस रहा मणिपुर! उग्रवादियों ने दो पुलिस चौकियों समेत 70 घर फूंके!

मणिपुर के जिरीबाम जिले (Jiribam District) में उग्रवादियों ने शनिवार को एक समुदाय के 70 से अधिक घर जला दिए। उग्रवादियों ने दो पुलिस चौकियों, वन विभाग के कार्यालय में भी आग लगा दी। हिंसा के बाद जिरीबाम के पुलिस अधीक्षक (एसपी) का तबादला कर दिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि उग्रवादियों के खिलाफ अभियान में सुरक्षाकर्मियों की सहायता के लिए 70 से अधिक राज्य पुलिस कमांडो की टुकड़ी को इंफाल से जिरीबाम भेजा गया है। अतिरिक्त सुरक्षा बलों को क्षेत्र में तैनात किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि लगभग मैतेयी समुदाय के 239 लोगों को शुक्रवार को जिले के खेल परिसर में बनाए गए राहत शिविर में ले जाया गया है। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

वन विभाग के गोआखाल कार्यालय में भी आगजनी

वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक उग्रवादियों ने लमताई खुनौ, डिबोंग खुनौ, नुनखाल और बेगरा गांवों में 70 से अधिक घरों को आग लगा दी। शनिवार सुबह उग्रवादियों ने जिरीमुख और चोटो बेकरा की पुलिस चौकियों और वन विभाग के गोआखाल कार्यालय में भी आगजनी। आगजनी के कुछ घंटों बाद राज्य सरकार ने जिरीबाम के एसपी ए. घनश्याम शर्मा को मणिपुर पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज के अतिरिक्त निदेशक के पद पर तबादला कर दिया।

उग्रवादियों द्वारा एक व्यक्ति की हत्या के बाद भड़की हिंसा

एम. प्रदीप सिंह जो पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज के अतिरिक्त निदेशक के रूप में कार्यरत थे, जिरीबाम जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यभार संभालेंगे। उग्रवादियों द्वारा एक व्यक्ति की हत्या के बाद हिंसा भड़की है। गुरुवार रात जिरीबाम में सोइबाम सरतकुमार सिंह का शव मिला था। शव पर जख्म के कई निशान थे। इसके बाद स्थानीय लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया। जिरीबाम और आसपास के तामेंगलोंग जिलों में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है।

सांसद ने लोगों के जीवन की रक्षा करने का आग्रह किया

इस बीच भीतरी मणिपुर लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद अंगोमचा बिमोल अकोईजाम ने कहा, राज्य सरकार से जिरीबाम जिले के लोगों के जीवन की रक्षा करने का आग्रह किया है। पिछले वर्ष मई से मणिपुर हिंसा से झुलस रहा है, लेकिन जिरीबाम अब तक जातीय संघर्ष से अप्रभावित रहा था। मणिपुर में मैतेयी और कुकी लोगों के बीच जातीय संघर्ष के कारण 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

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