'वन नेशन, वन इलेक्शन' में बहुत सारी अच्छाइयां : ओपी राजभर

'वन नेशन, वन इलेक्शन' में बहुत सारी अच्छाइयां : ओपी राजभर

लखनऊ, 18 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बुधवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस फैसले के बाद राजनीतिक बयानबाजियों का दौर जारी है। इसी कड़ी में योगी सरकार ने मंत्री ओपी राजभर ने भी प्रतिक्रिया दी।

ओपी राजभर ने कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का हम स्वागत करते हैं। इसमें बहुत सारी अच्छाइयां हैं। 32 राजनीतिक दल के लोगों ने भी इसका समर्थन किया था। राजभर ने कहा कि साल भर चुनाव होता रहता है, उससे विकास बाधि‍त होने के साथ-साथ कई अन्य परेशानियां भी होती हैं। सुरक्षा व्यवस्था में भी दिक्कत होती है, इन्हीं सब चीजों के मद्देनजर वन नेशन, वन इलेक्शन बहुत जरूरी था।

कांग्रेस की ओर से ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को अलोकतांत्रिक बताए जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस किस कानून की बात करती है? जिसके राज्य में लाखों लोगों को जेल भेज दिया गया था। पत्रकारों को जेल में डाला गया था, बोलने की छूट नहीं थी।

सीएम योगी आदित्यनाथ के उस बयान पर भी राजभर ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें, योगी ने समाजवादी पार्टी को दरिंदो का अड्डा और उनके अंदर औरंगजेब की आत्मा होने की बात कही थी। राजभर ने योगी के बयान पर सहमति जताते हुए कहा कि उन्होंने सही कहा है। यह पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों का हिस्सा लूटने वाले लोग हैं। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों दो मुंहा सांप हैं।

राजभर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में इन लोगों ने कहा था कि आरक्षण खत्म हो रहा है, संविधान खतरे में है। राहुल गांधी अमेरिका में जाकर कहते हैं कि हमको मौका मिलेगा, तो हम आरक्षण ख़त्म कर देंगे।

कैबिनेट बैठक में बुधवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, ”कैबिनेट ने एक साथ चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। मैं इस प्रयास का नेतृत्व करने और हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला से परामर्श करने के लिए हमारे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बधाई देता हूं। यह हमारे लोकतंत्र को और भी अधिक जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

–आईएएनएस

पीएसके/सीबीटी

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