बुमराह की सभी पिचों पर अनुकूलन क्षमता को बनाए रखना आसान नहीं है : जुरेल

बुमराह की सभी पिचों पर अनुकूलन क्षमता को बनाए रखना आसान नहीं है : जुरेल

चेन्नई, 19 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के बैकअप विकेटकीपर-बल्लेबाज ध्रुव जुरेल का मानना ​​है कि तेज गेंदबाजी के अगुआ जसप्रीत बुमराह की सभी पिचों पर अनुकूलन क्षमता को बनाए रखना आसान नहीं है और किसी भी परिस्थिति में विकेट लेना उन्हें एक बहुत ही खास गेंदबाज बनाता है।

बुमराह ने 36 टेस्ट खेले हैं, लेकिन 2018 में इस प्रारूप में पदार्पण के बाद से उन्होंने सिर्फ 20.69 की औसत से 159 विकेट लिए हैं। उन्होंने हाल के दिनों में घरेलू और विदेशी धरती पर भारत की कई शानदार टेस्ट जीत में अहम भूमिका निभाई है।

अब वह बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में इस साल के टी20 विश्व कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के प्रदर्शन के दम पर उतरेंगे, जहां उन्होंने 2013 के बाद से भारत को अपनी पहली बड़ी आईसीसी ट्रॉफी जीतने में अहम भूमिका निभाई थी।

“सभी ट्रैक पर उनकी अनुकूलन क्षमता को बनाए रखना आसान नहीं है। कभी-कभी यह लंबा स्पैल होता है, तो कभी-कभी यह दो ओवर का त्वरित स्पैल होता है, जहां कप्तान को विकेट की जरूरत होती है। उनके जैसे तेज गेंदबाजों के लिए चोट लगना आम बात है, लेकिन वह हमेशा विकेट लेकर अच्छा प्रदर्शन करते हैं। यही बात उन्हें खास बनाती है।”

जुरेल ने जियोसिनेमा से कहा, “अधिकांश गेंदबाज़ अपनी शैली के अनुकूल परिस्थितियां पसंद करते हैं, लेकिन यह बुमराह पर लागू नहीं होता। वह किसी भी ट्रैक पर शानदार तरीके से ढल सकता है, चाहे वह सीमिंग पिच हो या स्पिनरों के लिए अनुकूल पिच।”

मध्यक्रम के बल्लेबाज़ सरफ़राज़ खान ने भारतीय टीम के लिए बुमराह के महत्व और सभी प्रारूपों में पल भर में मैच बदलने की उनकी क्षमता के बारे में बात की। “अगर आप सभी प्रारूपों- वनडे, टी20 या टेस्ट को देखें- तो वह लगातार भारत के स्ट्राइक बॉलर रहे हैं। जब भी टीम दबाव में होती है, तो वह लय वापस लाते हैं।”

“आपने कुछ महीने पहले ही टी20 विश्व कप फ़ाइनल में उनका जादू देखा था, जब मैच हमारे हाथ से फिसल रहा था, और उन्होंने एक महत्वपूर्ण विकेट लेकर जीत हासिल की। ​​उन्होंने ऐसा कई बार किया है जब टीम संघर्ष कर रही होती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह सर्वश्रेष्ठ में से एक है।”

खान और जुरेल दोनों बुमराह द्वारा ओली पोप को की गई शानदार यॉर्कर से आश्चर्यचकित रह गए, जिसने इस साल की शुरुआत में विशाखापत्तनम में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दौरान तीन में से दो स्टंप को हिला दिया था।

सरफराज ने कहा, “जिस तरह से ओली पोप का उस यॉर्कर के बाद रिएक्शन था – मेरे लिए भी वैसा ही होता। वह डिलीवरी एकदम सही थी और केवल बुमराह जैसा कोई ही इसे अंजाम दे सकता था।” जुरेल ने उनके शब्दों से सहमति जताते हुए कहा, “मैं पोप से बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकता था। मैं शायद उसी तरह प्रतिक्रिया करता।”

–आईएएनएस

आरआर/

E-Magazine