हाथरस, 9 जुलाई(आईएएनएस)। हाथरस में दो जुलाई को भोले बाबा के सत्संग में हुए भगदड़ से 121 लोगों की मौत हो गई। भक्तों के मौत पर दुख जताते हुए एनसीपी शरद गुट के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च निकाला।
इस दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा नारेबाजी की गई। नारेबाजी के दौरान सरकार और प्रशासन से कई तरह की मांग की गई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यूपी देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। यह प्रदेश केंद्र में सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाता है। इसलिए राष्ट्रपति से विनती है कि हाथरस हादसे में सरकार की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई करें।
प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही को बताते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि कितना दुखद है कि लोग हादसे में मारे जा रहे थे और वहां उपस्थित पुलिस वाले मात्र दर्शक बने थे।
एनसीपी शरद गुट की प्रवक्ता सीमा मलिक ने यूपी सरकार और प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया। उन्होंने, हादसे को लेकर राज्य सरकार को लापरवाह ठहराया। सीमा मलिक ने कहा कि हादसे पर गंभीरतापूर्वक एक्शन लिया जाना चाहिए। दोषी अधिकारियों में से कुछ को सस्पेंड कर दिया गया है और बाकी को छोड़ दिया गया। इसे देखकर यह लगता है कि कहीं न कहीं सरकार पक्षपात कर रही है या फिर हादसे से जुड़ी कुछ राज छुपा रही है।
सीमा मलिक ने कहा, “प्रशासन की कार्रवाई में भोले बाबा का तो कहीं नाम ही नहीं है। हम लोग चाहते हैं कि उन पर भी एक्शन लिया जाय। जिस तरह योगी सरकार हरेक जगह बुलडोजर चलाती है, उसी प्रकार यहां भी सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “आप एसडीएम समेत छह अधिकारियों को सस्पेंड कर देते हो, यह एक्शन का कोई तरीका नहीं है। सरकार मुख्य आरोपी को पकड़ नहीं पा रही है। यह तो अपने कर्तव्यों से भागना हुआ।”
मुआवजे की राशि को लेकर सीमा मलिक ने कहा कि मृतकों के परिवार को ढाई लाख रुपये दिया जा रहा है। यह राशि बहुत कम है। सरकार को मामले को गंभीरतापूर्वक लेना चाहिए।
–आईएएनएस
राजेश/सीबीटी