भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता बढ़कर 214 गीगावाट हुई: प्रह्लाद जोशी

भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता बढ़कर 214 गीगावाट हुई: प्रह्लाद जोशी

नई दिल्ली, 1 जनवरी (आईएएनएस)। नए साल की शुरुआत में रिन्यूएबल एनर्जी के मोर्च पर भारत के लिए खुशखबरी है। भारत में स्थापित रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता बढ़कर 214 गीगावाट हो गई है। यह जानकारी न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय द्वारा दी गई।

भारत द्वारा गैर-जीवाश्म ईंधन से 2030 तक 500 गीगावाट एनर्जी क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।

2024 में अप्रैल से नवंबर के बीच भारत ने 15 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़ी है। यह 2023 की समान अवधि में जोड़ी गई 7.57 गीगावाट क्षमता से दोगुना है।

केंद्रीय न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री, प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जैसे-जैसे हम 2025 में प्रवेश कर रहे हैं, भारत सस्टेनेबल डेवलपमेंट के वैश्विक लाइट हाउस के रूप में खड़ा है। हमारी उपलब्धियां केवल लक्ष्यों को पूरा करने के बारे में नहीं हैं; वे विश्वव्यापी ऊर्जा परिवर्तन में क्या संभव है, इसकी पुनः कल्पना करने के बारे में हैं।

भारत ने सितंबर 2024 में कुल स्थापित रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता के 200 गीगावाट के मील के पत्थर को पार कर लिया। नवंबर में कुल स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता बढ़कर 214 गीगावाट हो गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 187.05 गीगावाट की तुलना में 14 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है।

जोशी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवर्तनकारी नेतृत्व में 2024 भारत की रिन्यूएबल एनर्जी यात्रा में एक बड़ा वर्ष रहा है। गैर-जीवाश्म स्रोतों से 214 गीगावाट से अधिक की हमारी उपलब्धि केवल एक संख्या नहीं है – यह 2030 तक हमारे महत्वाकांक्षी 500 गीगावाट लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमारे देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

देश की सौर ऊर्जा क्षमता 2024 में बढ़कर 94.17 गीगावाट तक पहुंच गई जबकि पवन ऊर्जा क्षमता 47.96 गीगावाट थी। देश की कुल स्थापित और पाइपलाइन सौर परियोजनाएं संयुक्त रूप से (नवंबर 2024 तक) 261.15 गीगावाट पर हैं, जो सौर क्षेत्र में भविष्य के विकास और विस्तार के लिए एक मजबूत पाइपलाइन को दर्शाता है।

–आईएएनएस

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