55 हजार करोड़ रुपये के निवेश से भारत के डेटा सेंटर की क्षमता 2027 तक हो जाएगी दोगुनी : रिपोर्ट

55 हजार करोड़ रुपये के निवेश से भारत के डेटा सेंटर की क्षमता 2027 तक हो जाएगी दोगुनी : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत के डेटा सेंटर की परिचालन क्षमता 2027 तक दोगुने से अधिक होने की उम्मीद की जा रही है।

मंगलवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के डेटा सेंटर की परिचालन क्षमता वित्त वर्ष 2024 के 950 मेगावाट से बढ़कर वित्त वर्ष 2027 तक 2000-2100 मेगावाट होने का अनुमान है, इसमें 50,000-55,000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल होगा।

भारत में डेटा सेंटर क्षमता पर एनटीटी ग्लोबल डेटा सेंटर, एसटीटी ग्लोबल डेटा सेंटर, सीटीआरएलएस डेटा सेंटर, सिफी टेक्नोलॉजीज और एनएक्सट्रा डेटा लिमिटेड जैसे कुछ प्लेयर्स का प्रभुत्व है। इनकी मार्च 2024 तक परिचालन क्षमता में 85 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

क्रेडिट रेटिंग आईसीआरए की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में डेटा सेंटरों की मजबूत मांग को देखते हुए, कई नए डेवलपर्स जैसे कि योटा, डिजिटल कनेक्शन, ल्यूमिना क्लाउड इंफ्रा, कैपिटलैंड, डिजिटल एज आदि ने बड़े पैमाने पर निवेश के साथ उद्योग में प्रवेश किया है।

आईसीआरए की उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग) अनुपमा रेड्डी ने कहा, “कम डेटा टैरिफ प्लान, किफायती स्मार्टफोन तक पहुंच, नई टेक्नोलॉजी को अपनाना, सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स, गेमिंग और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर यूजर्स की बढ़ती संख्या डेटा एक्सप्लोजन के मुख्य कारण हैं।”

रेड्डी ने कहा, “केंद्र और राज्य सरकारों की रेगुलेटरी पॉलिसी, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल और बुनियादी ढांचे की स्थिति के साथ डेटा सेंटर के विकास को समर्थन मिल रहा है।”

देश में डेटा सेंटर राजस्व के 80-85 प्रतिशत हिस्से को लेकर हाइपर स्केलर्स द्वारा समर्थित को-लोकेशन सर्विस से योगदान मिलता है।

मौजूदा डेटा सेंटर क्षमता का लगभग 95 प्रतिशत भारत के छह शहरों में है। इसमें मुंबई और चेन्नई अपने डेंस वेट केबल इकोसिस्टम की वजह से इस दौड़ में सबसे आगे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, डेटा सेंटर प्लेयर्स से भी उनकी बिजली आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हरित ऊर्जा में निवेश करने की उम्मीद है। टॉप तीन डीसी ऑपरेटर्स के लिए हरित ऊर्जा कुल विद्युत खपत का लगभग 75 प्रतिशत है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ” कुल बिजली खपत के प्रतिशत के रूप में, यह वर्तमान में भारतीय डीसी कंपनियों के लिए 5 प्रतिशत से कम है। 2028 तक इसके 20-25 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है।”

–आईएएनएस

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