भारत का ऑटो सेक्टर तेज गति से बढ़ने को तैयार, 'मेक इन इंडिया' से कंपनियों को मिल रही मदद: इंडस्ट्री

भारत का ऑटो सेक्टर तेज गति से बढ़ने को तैयार, 'मेक इन इंडिया' से कंपनियों को मिल रही मदद: इंडस्ट्री

नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। भारत का ऑटो सेक्टर आने वाले समय में तेज गति से बढ़ेगा और सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘मेक इन इंडिया’ पहल से कंपनियों को स्थानीय स्तर पर अधिक वाहनों का उत्पादन करने के साथ निर्यात करने में भी मदद मिल रही है। यह जानकारी इंडस्ट्री लीडर्स ने शनिवार को दी।

राष्ट्रीय राजधानी में चल रहे ‘भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025’ में समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया के मुख्य विकास अधिकारी, गौरव गुप्ता ने कहा कि ऑटो क्षेत्र का देश की मैन्युफैक्चरिंग सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 50 प्रतिशत का योगदान है, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि ऑटो क्षेत्र सही दिशा में जा रहा है और भविष्य काफी अच्छा है।

गुप्ता ने आगे कहा कि यह समय मेक इन इंडिया का है और दुनिया को अधिक वाहन निर्यात करने का है। सरकार की नीतियां इंडस्ट्री के लिए काफी सहायक हैं।

उन्होंने आगे कहा कि जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया ईवी मैन्युफैक्चरिंग में उतरने वाली देश की अग्रणी कंपनियों में से एक है।

गुप्ता ने बताया, “हमने जनवरी 2020 में अपनी पहली ईवी एमजी जेडएस ईवी को लॉन्च किया था। हम अपने उत्पादों में लाइफटाइम बैटरी बायबैक दे रहे हैं। हमारी 70 प्रतिशत बिक्री ईवी से होती है। हम इसी श्रेणी में और भी उत्पाद ला रहे हैं।”

आईएएनएस से बात करते हुए किआ इंडिया के सीनियर वीपी, सेल्स और मार्केटिंग, हरदीप सिंह बरार ने कहा कि वे जितना संभव हो सके, उतने अधिक वाहन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

बरार ने कहा, “इस साल, हम भारत में निर्मित पहली ईवी लेकर आ रहे हैं। किआ इंडिया ने 80 प्रतिशत से अधिक स्थानीयकरण स्तर हासिल कर लिया है। अब हम ईवी के मोर्चे पर और अधिक स्थानीयकरण करने की कोशिश कर रहे हैं।”

यह एक्सपो तीन स्थानों भारत मंडपम, नई दिल्ली, यशोभूमि, द्वारका और इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में 17-22 जनवरी तक आयोजित किया जा रहा है।

‘भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025’ का विषय “सीमाओं से परे: भविष्य की ऑटोमोटिव वैल्यू चेन का सह-निर्माण” है। इस विजन का उद्देश्य ऑटोमोटिव और मोबिलिटी क्षेत्र में सहयोग और इनोवेशन को बढ़ावा देना है, जो टिकाऊ और अत्याधुनिक तकनीकी प्रगति पर जोर देता है।

–आईएएनएस

एबीएस/

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