नई दिल्ली, 7 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल-तिब्बत सीमा क्षेत्र में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप के चलते हुई जानमाल के क्षति पर भारत ने शोक व्यक्त किया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “भारत सरकार तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में विनाशकारी भूकंप के कारण हुए जान-माल के दुखद नुकसान पर संवेदना व्यक्त करती है। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।”
मंगलवार सुबह नेपाल-तिब्बत सीमा क्षेत्र में आए शक्तिशाली भूकंप में 100 से अधिक लोगों की जान जाने की खबर है। भूकंप के झटके नेपाल, भूटान और उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में महसूस किए गए।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) ने पुष्टि की है कि भूकंप सुबह 6:35 बजे (आईएसटी) आया, जिसका केंद्र अक्षांश 28.86 डिग्री उत्तर और देशांतर 87.51 डिग्री पूर्व में 10 किलोमीटर की गहराई पर था। स्थान की पहचान नेपाल की सीमा के पास शिज़ांग (तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र) के रूप में की गई है।
भूकंप के झटके पूरे उत्तर भारत में भी महसूस किए गए। बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और दिल्ली-एनसीआर जैसे इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए। भारत में अब तक किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
नेपाल और प्रभावित भारतीय क्षेत्रों के अधिकारी सतर्क हैं और स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। भूकंप ने ऐतिहासिक रूप से विनाशकारी भूकंपीय गतिविधि के प्रति संवेदनशील क्षेत्र में चिंताओं को फिर से जगा दिया है।
–आईएएनएस
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