अफ्रीका के सामने उभरती हुई चुनौतियों का समाधान भारत देने में सक्षम

अफ्रीका के सामने उभरती हुई चुनौतियों का समाधान भारत देने में सक्षम

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। कोरोना और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अफ्रीका के सामने उभरती चुनौतियों का समाधान देने में भारत समक्ष है। इन बातों का जिक्र शापूरजी पल्लोनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड में वित्त और विशेष परियोजनाओं के सलाहकार सुब्रमण्यम अय्यर कुप्पुस्वामी ने मंगलवार को इंडिया-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव में किया।

कुप्पुस्वामी ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि इंडिया-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव भारत और अफ्रीका के बीच सभी प्रकार के व्यापार को प्रोत्साहित करने का एक फोरम है। हर वर्ष की तरह इस बार भी भारत के साथ अफ्रीका की ओर से भी अच्छा रिस्पॉन्स देखने को मिला है।

उन्होंने कहा कि कोरोना और फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अफ्रीका के सामने उभरी चिंताओं का भारत समाधान देने में सक्षम है। मुझे उम्मीद है कि कर्ज देने वाली संस्थाएं और भारत जैसे देश पार्टनर की तलाश करके म्यूचुअल फायदे के अफ्रीका के कॉरपोरेशन को आगे ले जाएंगे।

इंडिया-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव विदेश मंत्रालय के सहयोग से कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की ओर से 20 से लेकर 22 अगस्त के बीच नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। इस इवेंट के जरिए कोशिश अफ्रीका और भारत के रिश्तों को मजबूत करना है।

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ‘क्रिएटिंग वन फ्यूचर’ थीम पर आधारित इस सीआईआई इंडिया-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव का उद्घाटन 21 अगस्त को करेंगे।

इस कॉन्क्लेव में अफ्रीकी देशों के कई बड़े नेता भाग ले रहे हैं, जिसमें बुरुंडी के उपराष्ट्रपति प्रॉस्पर बाजोम्बांजा, इक्वेटोरियल गिनी के उपराष्ट्रपति टेओडोरो न्गुएमा ओबियांग मंगुए, गाम्बिया के उपराष्ट्रपति मुहम्मद बीएस जालो, लाइबेरिया के उपराष्ट्रपति जेरेमिया कपैन कोंग, मॉरीशस की उपराष्ट्रपति मैरी सिरिल एडी बोइसेजन और जिम्बाब्वे के उपराष्ट्रपति डॉ. सीजीडीएन चिवेंगा शामिल हैं।

इसके अलावा इस इवेंट में 65 देशों के (47 अफ्रीकी देशों सहित) 1,100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि आने वाले हैं। इसके अलावा 52 वरिष्ठ अफ्रीकी मंत्री भी इसमें शामिल होंगे।

–आईएएनएस

एबीएस/एबीएम

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