आईआईटी मद्रास देश की कई जरूरतों को पूरा करने से जुड़ी तकनीक पर कर रहा काम : वी कमाकोटी (आईएएनएस साक्षात्कार)

आईआईटी मद्रास देश की कई जरूरतों को पूरा करने से जुड़ी तकनीक पर कर रहा काम : वी कमाकोटी (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली,12 अगस्त (आईएएनएस)। आईआईटी मद्रास एक बार फिर देश का सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान चुना गया है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि यह संस्थान इंडियन आर्मी, नेवी एयरफोर्स की जरूरत पर काम करने के साथ-साथ देश के आम नागरिकों का जीवन बेहतर बनाने वाली टेक्नोलॉजी पर भी काम कर रहा है।

आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर वी कमाकोटी ने एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में आईएएनएस को बताया कि आईआईटी कैंपस में डायमंड, अग्निकुल कॉसमॉस, हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट ट्रैक, सेमीकंडक्टर व मेडिकल साइंसेज टेक्नोलॉजी पर काफी महत्वपूर्ण रिसर्च और इनोवेशन हो रहा है।

प्रश्न- फ्यूचर टेक्नोलॉजी जैसे की सेमीकंडक्टर और नैनो टेक्नोलॉजी पर आईआईटी मद्रास क्या कर रहा है?

उत्तर- क्वांटम सेमीकंडक्टर पर आईआईटी मद्रास में हम महत्वपूर्ण रिसर्च कर रहे हैं। आईआईटी मद्रास ने 5-6 सेमीकंडक्टर स्टार्टअप इनक्यूबेट किए हैं। इसके अलावा स्पेस टेक्नोलॉजी में हम रॉकेट टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं। हमारे छात्र रॉकेट कंपटीशन में जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक रेस कार भी आईआईटी मद्रास में विकसित की जा रही है। इलेक्ट्रिक रेस कार एक बहुत बड़ा फॉर्मूला रेस कंपटीशन है, उसके कंपटीशन में भी हमारे छात्र विश्व स्तर पर जा रहे हैं। न केवल ईवी, बल्कि सोलर टेक्नोलॉजी से चलने वाले वाहनों पर भी हम काम कर रहे हैं।

प्रश्न- डिफेंस और आत्मनिर्भर भारत के क्षेत्र में आईआईटी मद्रास किस तरह से मदद कर रहा है?

उत्तर – हम बड़ी संख्या में भारतीय नेवी, एयरफोर्स और आर्मी से जुड़े प्रोजेक्ट कर रहे हैं। आईआईटी मद्रास में डीआरडीओ की एक बहुत बड़ी फैसिलिटी ‘रामानुजन इनोवेशन सेंटर’ स्थापित की गई है। आर्मी, नेवी से हमारे यहां ‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’ के रूप में फैकल्टी मौजूद है।

प्रश्न- आत्मनिर्भर भारत में आईआईटी मद्रास का क्या और कितना योगदान रहेगा?

उत्तर- देश की कई राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लिए आवश्यक टेक्नोलॉजी पर हम काम कर रहे हैं। हम 5जी टेक्नोलॉजी पर भी काम कर रहे हैं। 5-जी एक बहुत बड़ा कंट्रीब्यूशन है हमारे लिए। इसके तहत भारत के लिए ‘लो मोबिलिटी बड़ी कवरेज’ पर काम किया है। इसके अलावा नेवल टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग, मेट्रोलॉजी, मेडिकल साइंसेज टेक्नोलॉजी का डिपार्टमेंट शुरू किया है। डेटा साइंस और एआई का डिपार्टमेंट शुरू किया है।

प्रश्न- आईआईटी मद्रास न्यू टेक्नोलॉजी को लेकर क्या कुछ कर रहा है?

उत्तर- आईआईटी मद्रास में डायमंड रिसर्च फैक्ट्री है। हमारी डायमंड फैक्ट्री में बहुत बड़ी रिसर्च चल रही हैं। इसके अलावा आईआईटी मद्रास में सेमीकंडक्टर को लेकर भी महत्वपूर्ण काम चल रहा है। इसके साथ-साथ अग्निकुल कॉसमॉस स्टार्टअप पर भी आईआईटी मद्रास में रिसर्च हो रही है। फर्स्ट टाइम 3डी प्रिंटर रॉकेट लॉन्च हुआ है। इसके साथ ही आईआईटी मद्रास ट्रांसपोर्ट को लेकर भी महत्वपूर्ण रिसर्च कर रहा है। इसके अंतर्गत हाइपरलूप, जो की एक बहुत ही हाई स्पीड ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम है। एशिया में इसका 400 मीटर ट्रैक हमारे कैंपस में है।

प्रश्न – कैसे बीते 8 वर्षों से एनआईआरएफ रैंकिंग में आईआईटी मद्रास टॉप पर है?

उत्तर – पहली पोजीशन आने पर हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी कामाकोटी ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि भारत में पैदा होने वाला हर बच्चा कम से कम ग्रेजुएट स्तर तक की पढ़ाई कर सकें, यह हमारा प्रयास रहेगा। राष्ट्रीय स्तर पर 12वीं पास करके ग्रेजुएशन में जाने वाले छात्रों का ग्रॉस एडमिशन रेशों अभी 27% है, हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य है कि इस एडमिशन रेशों को 50% बढ़ाना है। आईआईटी मद्रास पूरे प्रयास के साथ इस कार्य में जुटेगा। आज के दिन हम यह कॉल लेते हैं।

प्रश्न – पेटेंट को लेकर आईआईटी मद्रास की क्या स्थिति है?

उत्तर- आईआईटी मद्रास में हमारी 300 से अधिक कंपनियां हैं। पिछले वर्ष में 380 से अधिक पेटेंट आईआईटी मद्रास ने दर्ज कराए हैं। हमने स्टार्टअप हंड्रेड नाम से एक प्रोग्राम शुरू किया गया है। इसमें एक साल में 100 स्टार्टअप के जरिए 300 से 400 छात्रों को एम्पलाई की जगह एंपलॉयर बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

प्रश्न- आईआईटी मद्रास के लिए आज के समय में चैलेंज क्या है?

उत्तर- आईटी मद्रास के लिए एक बहुत बड़ा चैलेंज ‘विद्या शक्ति’ नाम का प्रोजेक्ट है। इसके अंतर्गत हम गांव-गांव में इंटरेक्शन केंद्र स्थापित कर रहे हैं। हम पूरे भारत में ऐसे 10,000 इंटरेक्शन केंद्र बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं। इस ग्रामीण इंटरेक्शन सेंटर में एक बड़ा टीवी, कैमरा और इंटरनेट कनेक्शन होगा। इस इंटरेक्शन केंद्र की मदद से हम गांव के बच्चों से और उनके अभिभावकों से बात कर सकेंगे। उनको आधुनिक शिक्षा से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकेंगे। फिलहाल हमने विभिन्न गांवों में 500 ऐसे आधुनिक इंटरेक्शन केंद्र स्थापित कर लिए हैं।

प्रश्न- आईआईटी मद्रास के विदेशी कैंपस को लेकर क्या स्थिति है?

उत्तर- आईआईटी के इतिहास में हम फर्स्ट आईआईटी हैं, जिसने विदेशी धरती अफ्रीका में आईआईटी कैंपस शुरू किया है। पहले साल में हमने यहां दो कोर्स शुरू किए और 50 छात्रों को एडमिशन दिया। इस वर्ष यहां एक और कोर्स शुरू किया गया है। हमें यहां परमानेंट केंपस के लिए 230 एकड़ जमीन दी गई है, जिस पर कैंपस का काम चल रहा है। आने वाले दिनों में हम यहां पांच नए कोर्स शुरू करेंगे। फिलहाल यहां एमटेक डाटा साइंस, एआई जैसे पाठ्यक्रम करवाए जा रहे हैं। यहां हम हर वर्ष 300 नए छात्रों को दाखिला देंगे।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएस

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