मैं सुनील छेत्री की जगह लेने का दबाव नहीं महसूस करता : मुंबई सिटी के कप्तान

मैं सुनील छेत्री की जगह लेने का दबाव नहीं महसूस करता : मुंबई सिटी के कप्तान

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। मुंबई सिटी ने 2024-25 सीजन के लिए लालियानजुआला चांग्ते को कप्तान नियुक्त किया है। अपने शुरुआती दो मैच जीतने में नाकाम रहने के बाद ये 27 वर्षीय फुटबॉलर कप्तान के रूप में टीम को एक अच्छा सीजन देने के लिए उत्सुक है।

मुंबई सिटी एफसी के कप्तान और दो बार एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर रह चुके लालियानजुआला चांग्ते ने आईएएनएस के साथ खास बातचीत में मुंबई सिटी की खराब शुरुआत और आईएसएल सीजन के लिए उनके लक्ष्य, टीम की कप्तानी के अनुभव, सुनील छेत्री के उत्तराधिकारी होने के दबाव और अर्जेन रोब्बेन के साथ तुलना के बारे में बात की।

इंटरव्यू की मुख्य बातें:

प्रश्न: आपको सीजन से पहले मुंबई सिटी एफसी का कप्तान बनाया गया था। शुरुआती अनुभव कैसा रहा?

उत्तर: मैं भारत के सर्वश्रेष्ठ क्लबों में से एक का कप्तान बनने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मुझे लगता है कि यह एक ऐसी भूमिका है जिसे मैं बहुत जिम्मेदारी और उत्साह के साथ निभाना चाहता हूं। मैं टीम के प्रत्येक सदस्य को मुंबई सिटी एफसी में शामिल होने के बाद से मिले भरोसे और समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।

मुझे लगता है कि टीम में एकता की मजबूत भावना को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना अधिक महत्वपूर्ण है। एक कप्तान के रूप में यही मेरा लक्ष्य है। मैं टीम में सब पर विश्वास करता हूं और मुझे किसी भी बाधा और चुनौतियों को दूर करने की हमारी सामूहिक क्षमता पर विश्वास है।

प्रश्न: मुंबई ने पिछले सीजन में आईएसएल कप जीता था। टीम इस उपलब्धि को दोहराने के लिए कितनी प्रेरित है और आप इस सीजन के लिए अपना व्यक्तिगत लक्ष्य क्या रखेंगे?

उत्तर: मैं एक समय पर एक मुकाबले पर ध्यान देना चाहता हूं, क्योंकि अगर आप मैच नहीं जीतते हैं, तो आप फाइनल या सेमीफाइनल या यहां तक ​​कि प्लेऑफ तक भी नहीं पहुंच सकते। इसलिए, हमारा लक्ष्य एक बार में एक कदम उठाना है। लेकिन हां, हमारा अंतिम लक्ष्य फिर से चैंपियनशिप जीतना है।

प्रश्न: छेत्री के जाने के बाद से ही भारतीय प्रशंसक किसी हीरो की तलाश में हैं और कई लोग मानते हैं कि वह हीरो आप ही हैं। आप इस दबाव से कैसे निपटते हैं?

उत्तर: जब आप क्लब और देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उम्मीदें अधिक होती हैं। हर एक मैच और सीजन के साथ उम्मीदें भी बढ़ जाती हैं। इसलिए एक खिलाड़ी के तौर पर यह सामान्य बात है। आपको इससे निपटना होता है और इसके अनुकूल ढलना होता है। मुझे लगता है कि मैं बाहरी दबाव को बहुत ज्यादा हावी नहीं होने देता। मेरी खुद से अपनी उम्मीदें हैं, जो किसी की भी मुझसे अपेक्षाओं से कहीं ज्यादा हैं।

–आईएएनएस

एएमजे/सीबीटी

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