वैश्विक स्तर पर 80 मिलियन लोगों को जुए की लत, किशोर सबसे अधिक प्रभावित : लैंसेट

वैश्विक स्तर पर 80 मिलियन लोगों को जुए की लत, किशोर सबसे अधिक प्रभावित : लैंसेट

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। डिजिटल क्रांति के आगमन के साथ ऑनलाइन कैसीनो और स्पोर्ट्स बेटिंग का बाजार बहुत तेजी से बढ़ा है। इसके चलते दुनिया भर में करीब 80 मिलियन लोग जुए की लत या उससे जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिसमें किशोर सबसे अधिक प्रभावित हैं। यह जानकारी शुक्रवार को द लैंसेट पब्लिक हेल्थ कमीशन में प्रकाशित हुई।

कमीशन ने कहा कि बच्चों और किशोरों पर जुए के विज्ञापनों का असर सबसे ज्यादा हो रहा है, जिससे वे जुए के आकर्षण में फंस जाते हैं। इसकी वजह यह है कि बच्चों और किशोरों को “आसान पैसे कमाने” के लिए ऑनलाइन जुए के गेम की ओर खींचा जा रहा है।

कमीशन ने जुए के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए वैश्विक स्तर पर सख्त नियम लागू करने की सिफारिश की है ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य और लोगों की भलाई पर इसका नकारात्मक प्रभाव कम हो सके।

अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं की एक टीम ने अध्ययन किया और पाया कि दुनिया भर में लगभग 448.7 मिलियन वयस्कों का किसी न किसी रूप में जुए से सामना होता है। इनमें करीब 80 मिलियन लोग जुए की लत या इससे संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

इसके अलावा, ऑनलाइन कैसीनो और स्लॉट गेम के माध्यम से जुआ खेलने से 15.8 प्रतिशत वयस्कों और 26.4 प्रतिशत किशोरों में जुए की लत विकसित हो रही है। खेलों पर सट्टेबाजी का असर 8.9 प्रतिशत वयस्कों और 16.3 प्रतिशत किशोरों पर हो रहा है।

ग्लासगो विश्वविद्यालय की प्रोफेसर हीथर वार्डल ने कहा कि “अब किसी के पास मोबाइल फोन के माध्यम से 24 घंटे एक तरह का कैसीनो उनकी जेब में है।”

उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी तकनीकी कंपनियां लोगों को बार-बार जुए में लगाने के लिए कई तकनीकें अपना रही हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।

वार्डल ने कहा, “उन्नत मार्केटिंग और तकनीक की वजह से जुआ शुरू करना आसान हो गया है और इसे रोकना मुश्किल है। अगर हम देरी करेंगे, तो जुए और इसके दुष्प्रभाव का विस्तार और गहराई में हो जाएगा।”

कमीशन ने यह भी बताया कि व्यावसायिक जुआ आर्थिक हानि, मानसिक और शारीरिक समस्याएं, रिश्तों में तनाव, आत्महत्या और घरेलू हिंसा की संभावना, आपराधिक गतिविधियों में वृद्धि और रोजगार की हानि जैसी समस्याओं से जुड़ा हुआ है।

कमीशन ने सरकारों से अपील की है कि वे जुए को सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे के रूप में मानें, ठीक वैसे ही जैसे तंबाकू और शराब के मामले में है, ताकि आने वाली पीढ़ी को जुए से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।

–आईएएनएस

एएस/

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