नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक, अप्रैल-जुलाई के दौरान भारत में विदेशी निवेश (एफडीआई) में 23.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पिछले साल की इसी अवधि में 22.4 अरब डॉलर की तुलना में इस साल यह 27.7 अरब डॉलर हो गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) में वृद्धि देखी, जो कुल एफडीआई निवेश में वृद्धि के कारण है।
आरबीआई के ताजा बुलेटिन के अनुसार, अप्रैल-जुलाई की अवधि में एफडीआई 5.5 बिलियन डॉलर बढ़ा है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह संख्या 3.8 बिलियन डॉलर थी।
केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में प्रत्यक्ष तौर पर निवेश करने वालों की वापसी और विनिवेश में वित्त वर्ष 2024-25 के चार महीनों में 15.9 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है, जो एक साल पहले इसी वर्ष के दौरान 14.7 अरब डॉलर था।
केंद्रीय बैंक के अनुसार, तीन-चौथाई से अधिक भारत में विदेशी निवेश के साथ प्रमुख स्रोत देश सिंगापुर, मॉरीशस, नीदरलैंड, अमेरिका, बेल्जियम और जापान थे।
अप्रैल-जुलाई 2024 के दौरान नॉन-रेजिडेंट डिपॉजिट जमाराशि ने 5.8 अरब डॉलर का विदेशी निवेश दर्ज किया है, जबकि एक साल पहले यह तीन अरब डॉलर था। इसमें मुख्य रूप से तीन खाताधारक शामिल हैं, जिनमें विनिर्माण, वित्तीय सेवा, संचार सेवा, कंप्यूटर सेवा, बिजली और अन्य ऊर्जा क्षेत्रों में कुल एफडीआई निवेश में तीन-चौथाई से अधिक का योगदान रहा है।
आरबीआई की अर्थव्यवस्था स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है, “तीन-चौथाई से अधिक विदेशी निवेश के साथ प्रमुख स्रोत देश में सिंगापुर, मॉरीशस, नीदरलैंड, अमेरिका, बेल्जियम और जापान थे।”
पिछले वर्ष की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 28 बिलियन डॉलर से घटकर 9.8 बिलियन डॉलर हो गया था। वित्त वर्ष 2021-22 में देश में कुल एफडीआई निवेश 38.6 बिलियन डॉलर था।
अगस्त के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) 4.3 बिलियन डॉलर रहा है।
–आईएएनएस
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