आरजी कर कांड पर डॉक्टर बोले , जल्द न्याय नहीं मिलेगा तो दोबारा करेंगे प्रदर्शन

आरजी कर कांड पर डॉक्टर बोले , जल्द न्याय नहीं मिलेगा तो दोबारा करेंगे प्रदर्शन

नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या को लेकर दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट की डॉ. कुमारी रचना और सीनियर डॉक्टर इफ्तिखार खादस ने आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि अगर न्याय नहीं मिलेगा तो हम दोबारा प्रदर्शन करेंगे।

डॉ. कुमारी रचना ने बताया कि कोलकाता की घटना को लेकर पूरे देश में डॉक्टरों का प्रदर्शन चल रहा था। लेकिन मरीजों की परेशानी को देखते हुए इसको रोक दिया गया। हालांकि पश्चिम बंगाल में हालात इससे बिल्कुल अलग हैं। डॉक्टर अपनी ड्यूटी करने के बाद प्रदर्शन कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा, पश्चिम बंगाल की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो भरोसा दिया गया था, वो दिख नहीं रहा है। अगर उचित कार्रवाई नहीं होगी और वहां के हालात नहीं बदलेंगे, तो हमें फिर से हड़ताल पर जाना पड़ेगा।

उन्होंने अभिषेक बनर्जी के बयान को लेकर कहा कि टीएमसी नेता द्वारा बयान दिया जाता है कि दूसरे राज्यों में भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन वहां पर प्रदर्शन नहीं किया जा रहा। टीएमसी के लोग दोषियों को पकड़ने के बजाय राजनीति करने में जुटे हुए हैं।

कोलकाता को सबसे सुरक्षित जगह मानने वाली रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि अगर सबसे सुरक्षित जगह का ये हाल है तो बाकी के जगहों का क्या हाल होगा। काम के वक्त महिला डॉक्टर अपने आप को सुरक्षित नहीं महसूस कर पा रही हैं।

कोलकाता प्रकरण को लेकर डॉ. इफ्तिखार खादस ने कहा कि पहले दिन से हमारी मांग है कि महिला डॉक्टर को अपने वर्किंग प्लेस पर सुरक्षा मिलनी चाहिए। हम उनकी सुरक्षा को लेकर एक अलग बिल की मांग कर रहे हैं। दूसरे राज्यों ने प्रदर्शन बंद कर दिया है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं क‍ि हम लोग पीछे हट गए हैं। हमारा पूरा फोकस कोलकाता पर है। वहां पर इंसाफ मिलना चाहिए।

बता दें कि टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप और हत्या कर दी गई थी। इसको लेकर पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश के लोगों में आक्रोश है। कोर्ट के आदेश पर इस केस की सीबीआई जांच कर रही है, हालांकि अभी तक दोषी पकड़े नहीं गए हैं।

–आईएएनएस

एससीएच/सीबीटी

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