पीएम मोदी से की गई डिलिस्टिंग बिल पास करने की मांग, झारखंड में तेजी से हो रहा है धर्मांतरण

पीएम मोदी से की गई डिलिस्टिंग बिल पास करने की मांग, झारखंड में तेजी से हो रहा है धर्मांतरण

हजारीबाग, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधी जयंती के अवसर पर बुधवार को झारखंड के हजारीबाग पहुंचे। परिवर्तन यात्रा के समापन समारोह में पहुंचे पीएम ने मटवारी मैदान में सभा को संबोधित करने से पहले आदिवासी समुदाय के लोगों से मुलाकात की। इस दौरान आदिवासी समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री से अपनी धर्म और संस्कृति की रक्षा करने की मांग की और खासकर घुसपैठ को लेकर अपनी चिंता प्रधानमंत्री के समक्ष जाहिर की।

मुखिया सोमा उरांव ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि आज पीएम मोदी से हमारी आमने-सामने बातचीत हुई। हमने पहले पीएम मोदी से स्पीड पोस्ट के जरिए बिहार के कैमूर स्थित रोहतासगढ़ किला को गोद लेने का अनुरोध किया था। हालांकि, पीएम मोदी ने संज्ञान लिया और इसके लिए 139 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया। पहले वहां कोई पैदल भी नहीं जा सकता था। लेकिन आज आप सीधे गाड़ी से रोहतासगढ़ किला पहुंच सकेंगे। इसके साथ ही वहां कई अन्य विकास कार्य भी हुए हैं। इसके लिए सबसे पहले हमने पीएम मोदी को बधाई दी है। लेकिन हमने पीएम मोदी से दो-तीन खास मांगें की हैं।

उन्होंने कहा कि पहली मांग यह है कि हमने डिलिस्टिंग बिल को पास करने की मांग की है, जिसके लिए पिछले कई साल से आंदोलन चल रहा है। यह आंदोलन बहुत पुराना है। स्वर्गीय कार्तिक उरांव ने 1967 के सत्र में 348 सांसदों के ट्रांसफर बिल को सदन में पेश किया था। लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने उस बिल को पास नहीं होने दिया। उसी आधे-अधूरे काम को आदिवासी सुरक्षा मंच द्वारा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि विधेयक में कहा गया है कि जो जनजातियां अपनी परंपराएं और रीति-रिवाज छोड़कर ईसाई, इस्लाम या कोई अन्य धर्म अपना रही हैं, ऐसे लोगों को अनुसूचित जनजाति में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे लोगों को अनुसूचित जनजाति का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। मैंने पीएम मोदी से साफ तौर पर कहा है कि वे डिलिस्टिंग बिल को पास करवाएं।

दूसरी मांग यह थी कि झारखंड में 2013 में कैबिनेट द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें कहा गया था कि अगर कोई आदिवासी लड़की किसी गैर-आदिवासी व्यक्ति से शादी करती है, तो उसका जाति प्रमाण पत्र उसके मायके से बनाया जाएगा। लेकिन अब इसके दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं। दूसरे धर्म के लोग भी इसका फायदा उठा रहे हैं और नौकरी, जमीन और दूसरे लाभ उठा रहे हैं। आज बैठक में पीएम मोदी से आदिवासियों, जनजातियों और झारखंड को बचाने की मांग की गई।

वहां मौजूद मुखिया देवी कुमारी ने कहा कि पीएम मोदी ने आज आदिवासी और जनजातीय समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों से मुलाकात की। उन्होंने वहां मौजूद सभी लोगों की समस्याओं और चिंताओं को सुना। इस दौरान आदिवासी समाज के प्रतिनिधि ने कहा कि अगर कोई हमारे समाज को बचा सकता है तो वह सिर्फ पीएम मोदी हैं। आदिवासी समाज को देखते हुए पीएम मोदी ने उत्थान को लेकर कई बातें कहीं। झारखंड का उत्थान सिर्फ भाजपा सरकार ही कर सकती है।

–आईएएनएस

आरके/एकेजे

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