भाजपा की शाइना एनसी की ममता बनर्जी को नसीहत, 'रक्षक बनिए, विनाशक नहीं'

भाजपा की शाइना एनसी की ममता बनर्जी को नसीहत, 'रक्षक बनिए, विनाशक नहीं'

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। भाजपा नेता शाइना एन.सी. ने इस महीने की शुरुआत में कोलकाता के सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या को लेकर सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ गंभीर सवाल उठाए।

शाइना ने एक वीडियो पोस्ट में सवाल किया, “ममता बनर्जी ने विनाशक बनने का फैसला क्यों किया है? सबूतों का विनाशक, एक महिला की गरिमा का विनाशक, एक ऐसे मामले का विनाशक, जिसमें एक डॉक्टर समाज के लिए अथक सेवा कर रही थी?

“जिस तरह की चुप्पी और लीपापोती हमने देखी है, जहां कोलकाता पुलिस शव को हटाना चाहती थी और तीन शवों से पहले दाह संस्कार करना चाहती थी, वह गंभीर सवाल खड़े करता है।”

आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई दुखद घटना ने मेडिकल बिरादरी और आम जनता दोनों में ही देश भर में हंगामा मचा दिया है।

भाजपा नेता ने कहा: “अगर यह लीपापोती नहीं है, तो नैतिक जवाबदेही होनी चाहिए कि आप स्वीकार करें और सबूतों से छेड़छाड़ न करें। पीड़िता के माता-पिता ने इस मुद्दे को बार-बार उठाया है, इसलिए हमारी (ममता बनर्जी से) अपील है कि आप रक्षक बनें, विनाशक नहीं।”

कोलकाता पुलिस की ‘खराब’ जांच को लेकर बंगाल सरकार की आलोचना के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले मंगलवार को मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी।

सीबीआई ने सोमवार को कोलकाता की एक निचली अदालत से संजय रॉय का नार्को परीक्षण कराने की अनुमति मांगी।

इस मामले में अब तक गिरफ्तार एकमात्र व्यक्ति रॉय एक सिविक वालंटियर था जो अस्पताल की पुलिस चौकी पर तैनात था। उसे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। स्थानीय मीडिया ने बताया कि रॉय ने अपराध स्वीकार कर लिया है, लेकिन कई लोग कह रहे हैं कि बलात्कार और हत्या किसी अकेले व्यक्ति का काम नहीं हो सकता।

कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पिछले सप्ताह मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने के निर्देश के बाद कोलकाता पुलिस ने रॉय को सीबीआई को सौंप दिया था।

सीबीआई की एक टीम सोमवार शाम कोलकाता पुलिस मुख्यालय पहुंची और उन जगहों के सीसीटीवी फुटेज मांगे जहां अपराध से पहले और बाद में रॉय को देखा गया था।

इससे पहले आज सीबीआई के अधिकारी पीड़ित लड़की के घर गए और उसके परिवार के सदस्यों से बात की।

–आईएएनएस

एकेजे/

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