लोकल-टू-ग्लोबल मिशन की सबसे बड़ी मिसाल बनेगा अयोध्या का ध्वजारोहण समारोह


लखनऊ, 12 नवंबर (आईएएनएस)। अयोध्या की अर्थव्यवस्था एक बार फिर रफ्तार पकड़ने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इसकी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और सीएम योगी के नेतृत्व में रामनगरी नव्यता, दिव्यता व भव्यता के साथ नई आभा बिखेर रहा है। राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में न सिर्फ समूचा भारत, बल्कि विदेशी पर्यटकों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है।

इससे पूरे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई मिल रही है। विदेशी पर्यटक अयोध्या के लोकल उत्पादों को ग्लोबल बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के पहले से ही सीएम योगी के निर्देशन में हो रहे दीपोत्सव ने साल दर साल नया कीर्तिमान स्थापित किया और देश-विदेश के श्रद्धालुओं को अयोध्या की तरफ आकर्षित किया।

अब अयोध्या में होने वाले ध्वजारोहण में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे न केवल स्थानीय व्यापारियों के रोजगार में और वृद्धि होगी, बल्कि लघु उद्यमियों और हस्तशिल्पियों के व्यापार को भी गति मिलेगी। होटल और लॉज तेजी के साथ बुक हो रहे हैं। अयोध्या में पर्यटकों की संख्या बढ़ने से रेस्टोरेंट और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की आय में भी वृद्धि होनी है।

पर्यटक हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग के तहत बनने वाली मूर्तियों, बैग, कपड़े और सामानों की बड़ी तादाद में खरीदारी करते हैं। इससे स्थानीय छोटे और मझोले व्यावसायियों को भी बड़ा बाजार मिलता है। बड़े आयोजनों के समय ट्रांसपोर्ट सेक्टर की भी कमाई में बड़ा उछाल आता है। लाखों की संख्या में तीर्थयात्रियों को भ्रमण करने के लिए ई-रिक्शा, ऑटो, बस, कार और टूरिस्ट बसों की आवश्यकता होती है। ऐसे में टूर-ट्रैवल व्यवसाय से जुड़े लोगों की आय में भी वृद्धि होती है।

राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या ने अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं, तो इसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है, क्योंकि उनके अथक परिश्रम से ही यह संभव हो सका। अयोध्या का विकास सिर्फ सांस्कृतिक और धार्मिक चेतना का प्रतीक ही नहीं, बल्कि विकास और समृद्धि का भी परिचायक है। राम मंदिर बनने के बाद 2024 में करीब 16.44 करोड़ तीर्थयात्रियों ने रामलला के दर्शन किए, जो अपने आप में रिकॉर्ड है।

जनवरी-जून 2025 में अयोध्या में रिकॉर्डतोड़ 23.82 करोड़ से अधिक तीर्थयात्री आ चुके हैं। इसकी वजह से अयोध्या की अर्थव्यवस्था तेजी के साथ बढ़ रही है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पर्यटकों की संख्या में 40 प्रतिशत-50 प्रतिशत की तेजी आई है। अयोध्या विकास और समृद्धि के लिए देश में रोल मॉडल बन चुकी है। मंदिर पर्यटन के क्षेत्र में अयोध्या ने एक रिकॉर्ड बनाया है। बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने से स्थानीय हस्तशिल्पकारों को भी काफी रोजगार मिल रहा है। हथकरघा उद्योग भी फल-फूल रहा है।

राम मंदिर निर्माण के बाद स्थानीय हस्तशिल्पकारों की संख्या में 25 प्रतिशत से अधिक वृद्धि देखी गई है। इनकी आय भी कई गुना बढ़ गई है। पहले रोजाना इनकी आमदनी 200-300 रुपए थी, अब ये 1000 से 1500 रुपए कमा रहे हैं। विशेष दिनों में तो इनकी कमाई कई गुना बढ़ जाती है। इसी तरह दीपोत्सव के दौरान स्थानीय कारोबारियों के साथ ही निम्न आय वालों (कुम्हार, फूल, नाविक आदि) को भी बड़ी आय हुई। दीपोत्सव के दौरान लाखों पर्यटक अयोध्या आए थे। 90 फीसदी होटल बुक थे।

रेस्टोरेंट, प्रसाद की दुकानों, फोटो और मूर्तिकारों ने बड़ा मुनाफा कमाया। अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान 5 करोड़ से ज्यादा की आय दर्ज की गई। अधिकारियों के अनुसार उत्तर प्रदेश में मंदिर और उससे जुड़ी गतिविधियों ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में करीब 1.25 लाख करोड़ रुपए का योगदान किया है। आंकड़ों के मुताबिक 2023 में अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या 5.76 करोड़ थी, जो 2024 में बढ़कर 16.44 करोड़ तक पहुंच गई।

ओडीओपी के तहत अयोध्या के हथकरघा और अन्य उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच रहे हैं। अयोध्या में पीढ़ियों से पारंपरिक रूप से गुड़ बनाने की प्रक्रिया चली आ रही है। इस जनपद की कुल कृषि योग्य भूमि के 20 प्रतिशत भाग पर गन्ने की खेती होती है। यह जनपद गुड़ और इससे जुड़े अन्य उत्पाद, यथा गज़क, लड्डू, चिक्की, गुड़ के लड्डू इत्यादि तैयार करता है। अयोध्या आने वाले पर्यटक गुड़ और उससे जुड़े उत्पाद भी खरीदकर अपने साथ ले जाते हैं। इससे गन्ना उत्पादकों और गुड़ कारोबारियों को भी लाभ हो रहा है।

— आईएएनएस

विकेटी/एएसएच


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