ईडी ने मनी लांड्रिग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बैंक धोखाधड़ी मामले में वीएमसी सिस्टम्स लिमिटेड की 55.73 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया।
सीबीआइ ने दर्ज की एफआइआर
वित्तीय जांच एजेंसी ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और अन्य के साथ 539.67 करोड़ की धोखाधड़ी करने के लिए वीएमसी सिस्टम्स लिमिटेड, उसके निदेशकों और अन्य के खिलाफ आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत बेंगलुरु में सीबीआइ द्वारा दर्ज एफआइआर के आधार पर मामले की जांच शुरू की थी।
ईडी की जांच में सामने आए कुछ तथ्य
ईडी ने बताया कि जांच में सामने आया कि 2009 में वीएमसी सिस्टम्स ने अपनी कार्यशील पूंजी की जरूरतों आंशिक वित्तपोषण के लिए पीएनबी और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से संपर्क किया था। 2009 और 2012 के बीच वीएमसी सिस्टम्स ने कार्पोरेशन बैंक, आंध्रा बैंक, पीएनबी और करूर वैश्य बैंक जैसे बैंकों के संघ से 1673.52 करोड़ रुपये (मूल राशि) की क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
बैंकों का घाटा 1745.45 करोड़ रुपये आंका
इस संघ में एसबीआइ लीड बैंक था। पीएनबी बैंक में वीएमसी का पीएनबी खाता 31 दिसंबर 2013 को एनपीए में चला गया और शेष बैंक खाते भी एनपीए हो जाए। 31 मार्च, 2018 तक सभी बैंकों का घाटा 1,745.45 करोड़ रुपये आंका गया। जांच में खातों में हेराफेरी और वीएमसी सिस्टम द्वारा अपनी सहयोगी संस्थाओं को ऋण स्थानांतरित करने का पता चला।