समाज के अंदर पुरुषों जितना सार्थक हो सकती हैं महिलाएं : अपर्णा यादव

समाज के अंदर पुरुषों जितना सार्थक हो सकती हैं महिलाएं : अपर्णा यादव

लखनऊ, 28 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष एवं भाजपा नेता अपर्णा यादव शनिवार को लखनऊ के महिला शरणालय में पहुंची। इस दौरान उन्होंने महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध को लेकर अपनी बात रखी।

अपर्णा यादव ने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति कुरीति आज से नहीं है, बल्कि ये बहुत पहले से चली आ रही है। हम कह रहे हैं कि समाज मॉडर्न बन रहा है, लेकिन समाज मॉडर्न नहीं बनकर बल्कि और ज्यादा दमनकारी बनता जा रहा है। रिसर्च बताते हैं कि अपराध की पहली सीढ़ी पशुओं से शुरू होती है, फिर बच्चों और महिलाओं पर आती है। इसके बाद अपराध धीरे-धीरे हैवानियत का रूप ले लेती है, जिसको हम जघन्य अपराध कहते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध को लेकर सरकार एक सीमा तक कार्य कर सकती है। लेकिन समाज को खुद इसकी जागरूकता लेकर आनी पड़ेगी कि महिलाएं सिर्फ दमनकारी चीजों के लिए नहीं है। वो समाज के अंदर उतनी ही सार्थक हो सकती हैं, जितना कि पुरुष हो सकता है।

अपर्णा यादव ने आगे बताया कि महिला आयोग के पास ज्यादातर जो केस आ रहे हैं, वह घरेलू हिंसा के हैं। ऐसे में इसको ध्यान देना होगा कि घर में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कोई कैबिनेट मिनिस्टर या महिला आयोग नहीं है। घर के अंदर तो पति, पत्नी, बहन, माता और अन्य परिवार के लोग हैं।

भाजपा नेता ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार अपने भाषणों में इस बात का जिक्र किया है कि बेटी को आगे बढ़ाने का काम करना चाहिए। महिला सशक्तीकरण के लिए पहली बार संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। इस पर विपक्षी पार्टियां शोर मचाती रह गई। महिलाओं के प्रति अपराध कम करना सिर्फ कहने से नहीं, करने से होगा।

–आईएएनएस

एससीएच/एबीएम

E-Magazine