दक्षिण कोरिया में लम्पी त्वचा रोग के एक और मामले की पुष्टि

दक्षिण कोरिया में लम्पी त्वचा रोग के एक और मामले की पुष्टि

सियोल, 28 अक्टूबर (आईएएनएस) दक्षिण कोरिया में मवेशियों में लम्पी त्वचा रोग (एलएसडी) का एक और मामला सामने आया है, जिससे इस वर्ष कुल मामलों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है।

कृषि, खाद्य एवं ग्रामीण मामलों के मंत्रालय के अनुसार, नवीनतम मामला सियोल से लगभग 147 किलोमीटर दक्षिण में चुंगजू में एक मवेशी फार्म में पाया गया।

मंत्रालय ने छह पड़ोसी क्षेत्रों में फार्म और संबंधित सुविधाओं से जुड़े कर्मियों और वाहनों के लिए 24 घंटे का ठहराव आदेश (स्टैंडस्टिल ऑर्डर) जारी किया है।

सरकार ने कहा कि बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए सभी उपलब्ध कीटाणुशोधन वाहनों को तैनात किया जाएगा।

पिछले सप्ताह कृषि मंत्रालय ने सियोल से लगभग 140 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में मुनक्योंग में एक मवेशी फार्म में एक मामले का पता लगाया था।

एलएसडी एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है जो त्वचा के घाव, बुखार और भूख न लगने का कारण बनती है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर मवेशियों में दूध का उत्पादन कम हो जाता है और मामला गंभीर होने पर मौत भी हो जाती है।

एलएसडी मवेशियों और भैंसों को प्रभावित करता है और मच्छरों और अन्य खून पीने वाले कीड़ों से फैलता है।

कृषि मंत्रालय ने प्रांतीय सरकारों से देशभर में अतिरिक्त मामलों के फैलने के खिलाफ सतर्क रहने और इस महीने के अंत तक मवेशियों का टीकाकरण पूरा करने का आह्वान किया।

देश में इस साल अगस्त में मवेशियों में एलएसडी का पहला मामला सामने आया था। कृषि मंत्रालय ने बताया कि सियोल से 65 किलोमीटर दक्षिण में स्थित अनसियोंग के एक पशुधन फार्म में इस मामले की पुष्टि की गई। यहां 80 गायें पाली जाती हैं।

पिछले साल नवंबर के बाद से दक्षिण कोरिया में एलएसडी का यह पहला मामला था। इस बीच, दक्षिण कोरिया के कृषि मंत्रालय ने हाल ही में कहा कि वह 2025 में एलएसडी के लिए एक जेनेटिक डायग्नोस्टिक किट का व्यवसायीकरण करने की योजना बना रहा है।

यह जेनेटिक किट संक्रमित मवेशियों को पूरी तरह नष्ट करने के बजाय चुनिंदा रूप से खत्म करने में मदद करेगी।

कृषि, खाद्य और ग्रामीण मामलों के मंत्रालय के अनुसार मीडियन डायग्नोस्टिक्स के साथ संयुक्त रूप से विकसित की गई यह तकनीक 8 घंटे के भीतर परिणाम देने में सक्षम है, जो पिछले तरीकों की तुलना में काफी तेज है।

-आईएएनएस

एमकेएस/जीकेटी

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