यूपी में लापरवाह और भ्रष्टाचार में लिप्त चकबंदी अधिकारियों पर कार्रवाई, तीन निलंबित

यूपी में लापरवाह और भ्रष्टाचार में लिप्त चकबंदी अधिकारियों पर कार्रवाई, तीन निलंबित

लखनऊ, 10 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में चकबंदी संबंधी मामलों के निपटारे में देरी, लापरवाही और अनियमितता पर दो चकबंदी अधिकारियों समेत तीन को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही कई के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए आरोप पत्र जारी किए गए हैं।

चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर महाराजगंज के ग्राम बैठवलिया में प्रारंभिक चकबंदी योजना तैयार करने में अनियमितता पर सहायक चकबंदी अधिकारी अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उप संचालक चकबंदी को अनियमितताओं को दुरुस्त करने तथा लंबित निगरानियों का ग्राम अदालत के माध्यम से शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसी तरह बांदा के ग्राम सिलेहटा में अनियमितताओं पर चकबंदी अधिकारी शैलेन्द्र श्रीवास्तव को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई की गई है। इसी ग्राम के संबंध में अनियमितताओं के लिए पूर्व में निलंबित सहायक चकबंदी अधिकारी अरुण नारायण सिंह के खिलाफ अतिरिक्त आरोप पत्र जारी करने और तत्कालीन चकबंदीकर्ता कामता प्रसाद, संप्रति सहायक चकबंदी अधिकारी को अनियमितता के लिए निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिए गए। वहीं, चकबंदी लेखपाल विकास सिंह और चकबंदी अधिकारी राणा प्रताप, जो पूर्व से इसी ग्राम में अनियमितताओं के लिए निलंबित हैं, उनके खिलाफ अतिरिक्त आरोप पत्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

चकबंदी आयुक्त ने बताया कि बिजनौर में चल रही चकबंदी में अनियमितता को लेकर विभिन्न गांव के किसानों ने शिकायत की थी। इस पर जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के बाद निदेशालय स्तर पर समिति गठित कर जांच कराई गई। जांच में चकबंदी के दौरान अनियमितता की शिकायत सही मिलने पर तत्कालीन बंदोबस्त अधिकारी विजय कुमार, संप्रति बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी मुजफ्फरनगर को निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही उप संचालक चकबंदी को अनियमितताओं को दूर करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा गोंडा के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी देवेंद्र सिंह को वादों के निस्तारण नहीं करने एवं शिथिल पर्यवेक्षण पर अनुशासनिक कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।

उन्होंने बताया कि लखनऊ नगर निगम के अपर नगर आयुक्त ने अपने यहां संबद्ध मीर्जापुर के चकबंदी लेखपाल राजेंद्र कुमार यादव द्वारा अनियमितताओं की शिकायत की थी। इस पर सम्बद्धीकरण तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए मीर्जापुर के बन्दोबस्त अधिकारी चकबंदी को लेखपाल के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

आजमगढ़ जिलाधिकारी की आख्या के आधार पर चकबंदी कार्यों के शिथिल पर्यवेक्षण एवं कार्य में शिथिलता के दोषी चकबंदी अधिकारी (से.नि.) शैल राजीव कमल, सहायक चकबंदी अधिकारी (से.नि.) मोहन लाल श्रीवास्तव, राधेश्याम वर्मा, चक्रधर त्रिगुनायत और जैनेंद्र प्रताप के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिए गए। मुजफ्फरनगर में चकबंदी कार्यों में अनियमितता पर चकबंदी अधिकारी तत्कालीन वीरेन्द्र प्रकाश सम्प्रति सहायक चकबंदी अधिकारी के खिलाफ पिछले दस वर्ष से चल रही जांच रिपोर्ट अब तक निदेशालय को नहीं दिए जाने पर जांच अधिकारी उप संचालक चकबंदी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

–आईएएनएस

विकेटी/एससीएच

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