मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आज बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अब वकीलों को सहुलियत मिलेगी, क्योंकि जल्द ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा विभिन्न केसों की फाइलिंग, लिस्टिंग और अन्य के बारे में जानकारी भेजने के लिए वाट्सएप मैसेजिंग सेवा शुरू की जाएगी।
छोटी सी पहल डालेगी बड़ा असर
सीजेआई ने कहा कि यह छोटी सी पहल बड़ा असर डालने की क्षमता रखती है। सीजेआई ने कहा कि वाट्सएप मैसेंजर हमारे दैनिक जीवन में एक सर्वव्यापी सेवा रही है और इसने एक शक्तिशाली संचार उपकरण की भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि न्याय तक पहुंचने के अधिकार को मजबूत करने और न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, सुप्रीम कोर्ट ने अपनी आईटी सेवाओं के साथ वाट्सएप के एकीकरण की घोषणा की है।
सीजेआई ने यह भी कहा कि यह सुविधा और सेवा दैनिक कार्य आदतों में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी और कागजी काम घटाकर पृथ्वी को सुरक्षित करेगी।
तुषार मेहता ने की तारीफ
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी इस ऐलान की सराहना की और शीर्ष अदालत द्वारा इसे एक और क्रांतिकारी पहल बताया।
सीजेआई ने यह घोषणा उनकी अध्यक्षता वाली नौ-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा याचिकाओं से उत्पन्न एक जटिल कानूनी सवाल पर सुनवाई शुरू करने से पहले की।
न्याय तक पहुंच को मजबूत करने की पहल
सीजेआई ने कहा, “75वें वर्ष में सुप्रीम कोर्ट ने वाट्सएप संदेशों को सुप्रीम कोर्ट की आईटी सेवाओं के साथ एकीकृत करके न्याय तक पहुंच को मजबूत करने की पहल शुरू की है।”
सीजेआई ने कहा कि अधिवक्ताओं को मामले दायर करने के बारे में स्वचालित संदेश प्राप्त होंगे और बार काउंसिल के सदस्यों को भी मोबाइल फोन पर इसकी कारण सूची मिल जाएगी, जब भी वे प्रकाशित होंगी।
एक वाद सूची में किसी निश्चित दिन पर अदालत द्वारा सुने जाने वाले मामलों को दर्शाया जाता है।
CJI ने आधिकारिक वाट्सएप नंबर भी साझा किया
सीजेआई ने शीर्ष अदालत का आधिकारिक वाट्सएप नंबर 876 876 76 भी साझा किया और कहा कि इस पर कोई संदेश और कॉल प्राप्त नहीं होंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “इससे हमारी कामकाजी आदतों में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा और कागजात बचाने में काफी मदद मिलेगी।”
CJI चंद्रचूड़ के नेतृत्व में शीर्ष अदालत न्यायपालिका के कामकाज को डिजिटल बनाने के लिए कदम उठा रही है।उन्होंने कहा कि केंद्र ने ई-कोर्ट परियोजना के लिए 7,000 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। सॉलिसिटर जनरल ने केंद्र सरकार के विचारों को साझा किया और कहा कि वह आम वादियों और वकीलों तक पहुंच बढ़ाने के लिए न्यायपालिका के डिजिटलीकरण के लिए प्रतिबद्ध है।