कतर में मौत की सजा पा चुके थे नौसेना के आठ पूर्व सैनिक, कैप्टन सौरभ को थी उम्मीद

कतर में मौत की सजा पा चुके थे नौसेना के आठ पूर्व सैनिक, कैप्टन सौरभ को थी उम्मीद

भारत के कूटनीतिक प्रयासों के बाद कतर से रिहा किए गए आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों में से एक कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और उनके पिता ने पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आभार जताया है। सौरभ ने पत्र में लिखा है कि उन्हें यह उम्मीद थी कि उनकी रिहाई के लिए पीएम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

नौसेना अधिकारी ने अपने जीवन के सबसे चुनौतीपूर्ण क्षणों में से एक में अडिग समर्थन और अथक प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि आपकी यह प्रतिज्ञा हमारी अंतरात्मा में गहराई तक प्रतिध्वनित होती है कि कोई भारतीय पीछे नहीं छूटेगा। आपने बार-बार इस प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है।

कतर ने इन सभी आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को जासूसी के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, भारत के सतत प्रयासों से फरवरी में उनकी रिहाई सुनिश्चित हुई और वे घर वापस आए। हमें स्वतंत्रता दिलाने और हमारे अलगाव के दौरान परिवारों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए मैं आपका सदैव आभारी रहूंगा।

अधिकारियों ने कहा कि कैप्टन वशिष्ठ के पिता विंग कमांडर राजेंद्र कुमार वशिष्ठ (सेवानिवृत्त) ने भी अपने बेटे की वापसी पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की और उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने पत्र में लिखा है कि अपने बेटे के कारावास के दौरान मैंने अक्सर मोदी है तो मुमकिन है वाक्यांश दोहराता था। आज मैं बेहद गर्व के साथ दुनिया को इन शब्दों की सच्चाई बताता हूं।

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