आजादी के 75 साल बीत गए मगर आज भी बुनियादी सुविधाओं से फतेहपुर जनपद के कई गांव कोसो दूर हैं। सड़क न होने की वजह से ग्रामीणों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बीमार हो जाने पर व्यक्ति को अस्पताल तक ले जाने के लिए खाट या बैलगाड़ी का ही सहारा लेना पड़ता है।
यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के यमुना कटरी क्षेत्र के नगर पंचायत असोथर के सीर गांव का है। जहां गांव के ही रामआसरे का पुत्र सुनील बीमार है। वह एक वर्ष पहले छत से गिरकर घायल हो गया था। कमर में गंभीर चोटें आईं थीं। तभी से वह बिस्तर पर ही है। जिसका उपचार एक निजी अस्पताल में चल रहा है। जिसको अक्सर अस्पताल ले जाना पड़ता है।
अस्पताल तक ले जाने के लिए गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच सकती हैं। क्योंकि गांव तक सड़क ही नहीं है। ऐसे में सीर गांव के ग्रामीण भगवान से यही कामना करते हैं कि वह बीमार न पड़ें। ग्रामीण गांव से किसी बीमार मरीज को खटिया पर टांग कर मुख्य सड़क तक ले जाते हैं। जिसके बाद ही किसी साधन का प्रयोग हो पाता है। गांव की दुर्दशा व सड़क को लेकर ग्रामीणों ने कई बार नेताओं व अफसरों से शिकायत की मगर आज तक निदान नहीं हुआ।