एआई ने डॉक्टरों का काम आसान किया, 13 हजार मरीजों को मिली मदद : जितेंद्र सिंह

एआई ने डॉक्टरों का काम आसान किया, 13 हजार मरीजों को मिली मदद : जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “आरोग्य-डॉक्टर ऑन व्हील्स अपनी तरह का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) संचालित मुफ्त मोबाइल टेलीमेडिसिन क्लीनिक है, जिसने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर-कठुआ-डोडा लोकसभा क्षेत्र के लगभग 13,000 दूरदराज के मरीजों की मदद की है।

सिंह ने कहा, ”डिजिटल स्वास्थ्य मिशन और आयुष्मान भारत से प्रेरित होकर पहला सुपर-स्पेशियलिटी मोबाइल अस्पताल डॉक्टरों के साथ घर पर परामर्श प्रदान कर रहा है और निवारक स्वास्थ्य देखभाल में शहरी और ग्रामीण विभाजन को पाटने में मदद की है।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोबाइल टेलीमेडिसिन सेवा पहली स्वास्थ्य सेवा है जो डिजिटल मोड के माध्यम से प्रदान की जाती है। यह पूरी तरह से गैर-सरकारी स्रोतों से उत्तर भारत और दक्षिण भारत से संबंधित दो स्टार्टअप समूहों द्वारा प्रदान की जाती है।

सिंह ने कहा, ”आरोग्य-डॉक्टर ऑन व्हील्स नवीनतम पद्धति पर काम करता है, जिसमें एक मरीज अपनी बीमारी या शिकायत अपनी मूल भाषा में बता सकता है। एआई डॉक्टर उस भाषा को समझता है और उसी भाषा में मरीज को जवाब देता है।”

क्लीनिक में, मरीज की पूरी तरह से जांच की जाती है। फिर हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे महानगरों के प्रमुख अस्पतालों में से एक में संबंधित सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टर से परामर्श प्राप्त किया जाता है।

सिंह ने कहा, मरीज की जांच और डॉक्टर का पर्चा उपलब्ध कराने की यह पूरी प्रक्रिया लगभग 45 मिनट में पूरी हो जाती है, जिसमें अन्यथा कई दिन लग सकते हैं।

सिंह ने कहा, “डॉक्टर ऑन व्हील्स’ पहल की अधिकांश लाभार्थी महिलाएं हैं।” उन्होंने कहा कि डोडा, हीरानगर और कठुआ-बिलावर क्षेत्रों में कुल 11,431 लाभार्थियों में से 6,643 महिलाएं थीं।

उधमपुर जिले के रामनगर ब्लॉक के ऊपरी इलाके में सुदूर डुडू बसंतगढ़ में मोबाइल क्लीनिक वर्तमान में 17 जनवरी से चौथे चरण में चल रहा है। मंत्री ने कहा कि 22 पंचायतों के अंतर्गत 56 गांवों में कुल 1,452 लाभार्थियों में से अब तक 835 महिलाओं ने परामर्श का लाभ उठाया है।

सिंह, जो उधमपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें कठुआ और डोडा जिले भी शामिल हैं, ने कहा, इस सुविधा के पहले चरण में डोडा जिले के दूर-दराज के गंदोह क्षेत्र के 60 से अधिक गांवों को कवर किया गया जहां इसने तीन महीने बिताए।

दूसरा चरण अंतरराष्ट्रीय सीमा के जीरो लाइन गांवों पर आयोजित किया गया था। तीसरा चरण बिलावर के ऊपरी इलाकों में आयोजित किया गया था। सिंह ने कहा कि मुफ्त टेलीमेडिसिन सुविधा ‘पहुंच, उपलब्धता और सामर्थ्य’ की समस्याओं को दूर करती है।

सिंह ने बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए, निर्धारित दवाएं भी मुफ्त प्रदान की जा रही हैं और इसके अलावा, आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं से युक्त दवा किट पूरे निर्वाचन क्षेत्र में सभी परिवारों को मुफ्त में वितरित की जा रही है।

–आईएएनएस

एसएचके/एबीएम

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