भारतीय मूल की हरमीत ढिल्लों ने आरएनसी अध्यक्ष के रूप में रोन्‍ना मैकडैनियल की जगह लेने से किया इनकार

भारतीय मूल की हरमीत ढिल्लों ने आरएनसी अध्यक्ष के रूप में रोन्‍ना मैकडैनियल की जगह लेने से किया इनकार

वाशिंगटन, 7 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय मूल की अमेरिकी सिख वकील हरमीत के. ढिल्लों ने इस बात से इनकार किया है कि वह रिपब्लिकन नेशनल कमेटी (आरएनसी) की अध्यक्ष रोन्‍ना मैकडैनियल की जगह लेना चाहती हैं।

आरएनसी चेयरवूमन के पद पर साल 2017 से रहने वाली रोन्‍ना मैकडेनियल ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कहा था कि वह दक्षिण कैरोलिना प्राइमरी के ठीक बाद इस महीने के अंत में अपने पद से इस्तीफा दे देंगी।

उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर कहा, “कैलिफोर्निया रिपब्लिकन पार्टी की पूर्व उपाध्यक्ष हरमीत ढिल्लों ने कहा, “मैंने आरएनसी गेम ऑफ थ्रोन्स का प्रत्येक संस्करण पिछले संस्करण से भी बदतर सुना है।”

उन्होंने कहा, “स्पष्ट रूप से, मैं कुर्सी की तलाश नहीं कर रहा हूं। हमारे पास चुनाव था, मैं हार गया, विजेता से हाथ मिलाया और अपना समर्थन दिया। लेकिन बहुत सारे लोग इसके लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। मैं जहां हूं, खुश हूं।”

55 वर्षीया हरमीत ने पिछले साल इस पद के लिए चुनाव लड़ा था और रोन्‍ना से हार गई थीं, जिन्होंने मैकडैनियल के 51 वोटों के मुकाबले 111 वोटों से आसानी से जीत हासिल की थी।

इस पद के लिए फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस ने उनका समर्थन किया था और दावा किया था कि उन्हें अपने सिख धर्म के कारण साथी रिपब्लिकन के नस्लवादी हमलों का सामना करना पड़ा था।

हरमीत ने कहा, “यह जानना दुखद है कि मुट्ठीभर आरएनसी सदस्यों ने, जो आरएनसी कुर्सी की करीबी दौड़ में हैं, मेरे खिलाफ मेरे कट्टर सिख विश्‍वास को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करके आरएनसी चलाने के लिए मेरी फिटनेस पर सवाल उठाने का फैसला किया है।” चंडीगढ़ से, पिछले साल की शुरुआत में पोलिटिको को बताया गया था। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप मैकडैनियल के प्रतिस्थापन के रूप में नॉर्थ कैरोलिना रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष माइकल व्हाटली का समर्थन कर रहे हैं।

मैकडैनियल का यह कदम रिपब्लिकन गवर्निंग बॉडी द्वारा इस साल महत्वपूर्ण राष्ट्रपति चुनाव के साथ एक दशक से कम धन उगाहने की संख्या की रिपोर्ट करने और 2020 के बाद से रिपब्लिकन के कई चुनाव हारने के बाद आया है।

संघीय चुनाव आयोग की फाइलिंग के अनुसार, 31 दिसंबर तक आरएनसी के पास केवल 8 मिलियन डॉलर नकद थे, जो 2014 के अंत में हाथ में 5 मिलियन डॉलर से अधिक नकद होने के बाद से सबसे कम है।

–आईएएनएस

एसएचके/एसजीके

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