कैमरे, गति सीमा के बावजूद यमुना एक्सप्रेसवे कार दुर्घटनाओं में कमी नहीं

कैमरे, गति सीमा के बावजूद यमुना एक्सप्रेसवे कार दुर्घटनाओं में कमी नहीं

नोएडा, 28 जनवरी (आईएएनएस)। यमुना एक्सप्रेसवे पर होने वाले हादसे कम नहीं हो रहे हैं, इसके बावजूद कि एक के बाद एक कई बदलाव के नियम लागू किए गए हैं। एक नए हादसे में यमुना एक्सप्रेस वे पर कई गाड़ियां आपस में टकरा गईं, जिसमें 1 व्यक्ति की मौत हो गई और करीब 9 लोग घायल हो गए।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, थाना जेवर क्षेत्र के अंतर्गत नोएडा से आगरा की ओर जाने वाले रास्ते पर करीब 30 किमी आगे पहुंचने पर घने कोहरे के कारण केंटर गाडी में पीछे से आ रही एक बस टकरा गयी। जबतक लोग कुछ समझ पाते हादसा हो चुका था। इसके बाद पीछे से आ रही अन्य दो कार भी बस में टकरा गईं जिसमें 9 व्यक्ति घायल हो गये। इस हादसे में एक व्यक्ति सत्य प्रकाश, ग्राम कोयला सरैया जिला इटावा की मृत्यु हो गयी है।

इससे पहले भी यमुना एक्सप्रेस-वे पर 27 दिसंबर को सुबह कोहरे के चलते भीषण सड़क हादसा हुआ था जिसमें लगभग 12 वाहन आपस में एक दूसरे से भिड़ गए।

यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरे और धुंध के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। 15 दिसंबर से यमुना एक्सप्रेसवे पर चलने वाले वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाई जा रही है और 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले वाहनों की रफ्तार घटाकर 75 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गई है। यह निर्देश 15 दिसंबर से लेकर 15 फरवरी तक यमुना एक्सप्रेस वे पर जारी रहेंगे।

इसके साथ ही यमुना एक्सप्रेसवे पर रिफ्लेक्टिव टेप, साइन/रिफ्लेक्शन और सभी टोल प्लाजा बूथ पर फॉग लाइट लगाई जाएंगी। यमुना एक्सप्रेसवे पर लगी रिफलेक्टीव टेपो में से अधिकतर साइन/रिफलेक्शन बहुत कम है, जिसके कारण एक्सप्रेसवे पर अंधेरा बना रहता है।

बढ़ते हादसों को रोकने के लिए आईआईटी दिल्ली ने यमुना एक्सप्रेसवे का सर्वे किया और मिली खामियों को अथॉरिटी के सामने रखा, जिसके बाद उन खामियों को पूरा करने का काम शुरू हुआ। आईआईटी दिल्ली द्वारा बताई गई खामियों को धीरे-धीरे जब पूरा किया जाने लगा तो साल दर साल हादसों में कमी आती दिखाई देने लगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के साथ की गई महावपूर्ण बैठक में यमुना एक्सप्रेस वे के लिए कई निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री की अगुवाई में हुई उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक 2 दिसंबर 2023 को हुई थी जिसमें यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाओं में रोकथाम के लिए कई बदलाव और जरूरी उपाय करने के निर्देश जारी किए गए।

इसके मुताबिक यमुना एक्सप्रेस वे पर पेट्रोलिंग वाहन, क्रेन, एंबुलेंस की संख्या को दोगुना किया जाएगा। साथ ही सुरक्षा के लिहाज से 64 नए कैमरे भी लगाए जायेंगे। इसके अलावा साइनेज बोर्ड, थर्मोप्लास्टिक पेंट, सड़क के दोनों किनारों पर रिफ्लेक्टिव लाइट समेत अन्य कार्य पूरे किए जाएंगे।

एक्सप्रेसवे पर पेट्रोलिंग वाहनों की संख्या अभी 6 है। दोगुना करने के निर्देश दिये गये हैं। यमुना एक्सप्रेसवे पर लाइट कामर्शियल व्हीक्लस क्रेनो की संख्या को दोगुना बढाये जाने के निर्देश भी दिये गये हैं, मौजूदा समय में इनकी संख्या 8 है।

इसके साथ ही यमुना एक्सप्रेसवे पर सीसीटीवी कैमरे बढाये जाने के भी निर्देश दिए गए हैं जिससे कि सर्विस रोड की भी निगरानी की जा सके। फिलहाल 42 कैमरे लगे हैं। जिनमें 64 कैमरे और लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

इस मुद्दे पर हमसे बात करते हुए अभिनव सिंह चौहान, ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन एक्सपर्ट, ने बहुत सारी जानकारियां साझा की। उन्होंने बताया कि सीमेंट रोड की लाइफ ज्यादा होती है और मेंटेनेंस लो होता है, इसीलिए ज्यादातर जगहों पर अब इसी को बनाने का काम चल रहा है।

उन्होंने बताया कि सीमेंटेड रोड की जो पेवमेंट होती है वह हीट को ऑब्जर्व नहीं करती है और रिफ्लेक्ट कर देती है जिसकी वजह से गाड़ी के टायर जल्दी गर्म होते हैं। इसीलिए सीमेंटेड रोड की पेवमेंट रिजीड पेवमेंट कहलाती है और डामर रोड की पेवमेंट फ्लैक्सिबल और बिटमिनस पेवमेंट होती है। गाड़ी का आम टायर जो डामर रोड पर 40 हजार किलोमीटर तक चल सकता है, वह कंक्रीट या सीमेंटेड रोड पर महज 20 हजार किलोमीटर तक ही चल पाएगा।

उन्होंने बताया कि रोड पर ड्राइव करने वालों का अलर्टनेस मोड कितना एक्टिव हो पा रहा है, यह भी देखना बेहद जरूरी होता है। इसलिए जगह-जगह साइन बोर्ड्स जरूर लगे होने चाहिए, जिन पर लोगों की नजर पड़े। थोड़ी-थोड़ी दूर पर रेस्ट रूम्स और टी प्वाइंट जरूर होना चाहिए ताकि गाड़ी ड्राइवर बिल्कुल फ्रेश रहें।

रोड सेफ्टी एक्सपर्ट अभिनव ने बताया कि टायर कंपनी अभी अलग अलग तरीके के टायर बनाती हैं जितनी लग्जरी गाड़ी होगी उसके टायर उतने ही फ्लैक्सिबल होंगे और वह जल्दी खराब होते हैं क्योंकि वह गाड़ी और अंदर बैठने वालों की कंफर्ट पर सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं। उनके मुताबिक अगर आपकी गाड़ी का टायर खराब है या काफी घिसा हुआ है तो फिर सीमेंटेड एक्सप्रेस वे पर ज्यादा सफर नहीं करना चाहिए। यह खतरनाक हो सकता है।

यमुना एक्सप्रेस वे पर होने वाले हादसों के आंकड़े सामने आए हैं। पिछले साल की तुलना में 2023 में हुए हादसों की संख्या बढ़ी है। 2022 में यमुना एक्सप्रेस-वे पर 303 सड़क हादसे हुए थे, वहीं 2023 में नवंबर तक 378 सड़क हादसे हो चुके हैं। हालांकि हादसों में मौतों का आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले कम है। 2023 में 89 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे पर पिछले 5 सालों में 2,174 सड़क हादसे हुए हैं। इन सड़क हादसों में 648 लोगों ने अपनी जान का गंवाई है, वहीं 4,612 लोग घायल हुए।

यमुना एक्सप्रेस-वे पर 2020 में 509 सड़क हादसे हुए थे, जिनमें 122 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 1015 लोग घायल हुए। वहीं 2021 में सड़क हादसे घटे और इनकी संख्या 424 हो गई। जान गंवाने वालों की संख्या 136 हुई और घायलों की संख्या 958 हो गई।

–आईएएनएस

पीकेटी/एसकेपी

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